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Hindi News पैसा बिज़नेस ...और भड़केगा ट्रेड वार! ट्रंप ने चीन के 300 अरब डॉलर के सामानों पर 10% अतिरिक्त कर लगाने की घोषणा की

...और भड़केगा ट्रेड वार! ट्रंप ने चीन के 300 अरब डॉलर के सामानों पर 10% अतिरिक्त कर लगाने की घोषणा की

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित वस्तुओं के ऊपर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो 1 सितंबर से प्रभावी होगा।

 President Donald Trump says US to impose additional 10 per cent tariff on USD 300 bn in Chinese go- India TV Paisa President Donald Trump says US to impose additional 10 per cent  tariff on USD 300 bn in Chinese goods

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के 300 अरब डॉलर के सामानों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत शुल्क लगाने की गुरुवार को घोषणा की, जो 1 सितंबर से प्रभावी होगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के इस फैसले के बाद दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं (चीन और अमेरिका) के बीच व्यापार युद्ध और भड़क सकता है।

ट्रंप ने कहा कि अब चीन के लिये बदलने का समय आ गया है। ट्रंप ने गुरुवार को एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए बताया कि नया शुल्क एक सितंबर से प्रभावी होगा। यह 250 अरब डॉलर के चीन के सामानों पर पहले से लगे 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि कई सालों से चीन सैकड़ों अरब डॉलर यहां से ले जा रहा है। हमने चीन का पुनर्निर्माण किया है। अत: अब समय है कि हम चीजों को बदले। यदि वे हमारे साथ व्यापार नहीं करना चाहते हैं, मेरे लिये यह ठीक ही रहेगा। इससे हमारा काफी पैसा बचेगा। 

ट्रंप ने ट्वीट किया कि अमेरिका चीन से हमारे देश में आ रहे 300 अरब डॉलर के बाकी सामानों और उत्पादों पर एक सितंबर से 10 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाना शुरू करेगा। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि हमारे प्रतिनिधि अभी चीन से लौटे हैं जहां उन्होंने एक भविष्य के व्यापार सौदे के संबंध में रचनात्मक वार्ता की थी। हमने सोचा था कि हमने तीन महीने पहले चीन के साथ एक सौदा कर लिया, लेकिन दुख की बात है कि चीन ने हस्ताक्षर करने से पहले सौदे पर फिर से बातचीत करने का फैसला किया।

उन्होंने कहा कि हमने अपने देश में बिक रहे 300 अरब डॉलर के चीन के सामानों पर शुल्क लगाया है। वे अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करते हैं और यहां से पैसा ले जाते हैं। ट्रंप ने कहा कि इसी कारण अब हम उनसे अरबों डॉलर वसूल रहे हैं। वास्तव में बिलकुल भी मुद्रास्फीति नहीं है। इससे हमारे उपभोक्ताओं पर कोई बोझ नहीं पड़ रहा है बल्कि चीन इसका भुगतान कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब क्या हुआ है कि बहुत सारी कंपनियां चीन से बाहर जा रही हैं, ताकि वे शुल्क से बच सकें। बुधवार के वाल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, 'चीन के लिए यह बुरा दौर है, पिछले 27 साल में सबसे बुरा। हालांकि मैं ऐसा नहीं चाहता।' अमेरिका के व्यापार मंत्री रॉबर्ट लाइटहाइजर और वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन के शंघाई से लौटने के बाद ट्रंप ने यह घोषणा की। ट्रंप ने कहा कि जब वे लौटे तो उन्होंने कहा कि बातचीत चल रही है और सितंबर की शुरुआत में पुन: बैठक होगी। मैंने कहा, 'ठीक है। लेकिन इस बीच के समय में जब तक समझौता नहीं हो जाता है, हम उनसे शुल्क वसूलने वाले हैं।'

बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर और ट्रेजरी सेक्रेटरी स्टीवन मनुचिन के नेतृत्व में एक टीम ने शंघाई में मंगलवार और बुधवार को एक उच्च स्तरीय चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने फोस्र्ड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, बौद्धिक संपदा अधिकारों, सेवाओं, नॉन-टैरिफ संबंधी बाधाओं और कृषि जैसे विषयों पर चर्चा की।

व्हाइट हाउस ने आगे कहा कि व्यापार वार्ता के नवीनतम दौर में समझौता नहीं हुआ, लेकिन वार्ता सकारात्मक रही। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने फोस्र्ड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, बौद्धिक संपदा अधिकारों, सेवाओं, नॉन-टैरिफ संबंधी बाधाओं और कृषि जैसे विषयों पर चर्चा की। व्हाइट हाउस ने आगे कहा कि व्यापार वार्ता के नवीनतम दौर में समझौता नहीं हुआ, लेकिन वार्ता सकारात्मक रही। 

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