नई दिल्ली। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन को भारत के साथ अपनी मनमर्जी थोपने के प्रयास के लिए आड़े हाथ लिया है। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद वोडाफोन ने भारतीय बाजार से निकलने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) और भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) रणनीतिक संपत्तियां हैं और बेहतर प्रतिस्पर्धा के लिए उनका कायम रहना जरूरी है।
उच्चतम न्यायालय के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर पिछले महीने आए फैसले के बाद दूरसंचार कंपनियों पर 1.4 लाख करोड़ रुपए की देनदारी बनती है। वोडाफोन के वैश्विक नेतृत्व ने भारत में कंपनी के भविष्य को लेकर संदेह जताया था।
प्रसाद ने कहा कि स्पष्ट रूप से मैं इस तरह के बयान पसंद नहीं करता। हमने कारोबार करने के लिए सभी विकल्प उपलब्ध कराए हैं। कोई हमें अपनी मनमर्जी नहीं थोप सकता। उन्होंने कहा कि भारत एक संप्रभु देश है। हम सभी लाभ और सभी मदद देने को तैयार हैं। सभी सुझावों के लिए तैयार हैं।
लेकिन यदि कोई अपनी बात थोपना चाहता है तो साफतौर पर हम यह स्वीकार नहीं करेंगे। हालांकि, प्रसाद ने कंपनी द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का स्वागत किया। कंपनी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि उसके बयान का गलत अर्थ निकाला गया।
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