वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चीन बन रहा है चुनौती, एक के बाद एक संकट हो रहे हैं खड़े
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2020 के अंत में आयोजित यूनाइटेड नेशन के क्लाइमेट चेंज सम्मेलन में घोषणा की थी कि उनका देश जीपीडी के प्रति यूनिट कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में 2005 के स्तर से 65 प्रतिशत तक की कटौती 2030 तक करेगा।
नई दिल्ली। एक समय था जब चीन को वैश्विक फैक्टरी कहा जाता था और हर कोई उसकी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता की तारीफ करता था। लेकिन अब ऐसा समय आ गया है जब वैश्विक आर्थिक वृद्धि में आई रुकावट के लिए हर कोई चीन को ही दोष दे रहा है। 2020 में कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत भी चीन से ही हुई, जो अभी तक नियंत्रण में नहीं आ पाई है। इसकी वजह से पूरी दुनिया प्रतिबंधों के साये में है और आर्थिक वृद्धि की पटरी पर लौटने की कोशिश कर रही है। कोरोना का यह संकट अभी दूर भी नहीं हुआ कि चीन की दूसरी सबसे बड़ी रियल्टी कंपनी एवरग्रांडै के दिवालिया होने की खबरों के बीच वैश्विक आर्थिक संकट की आशंका जोर पकड़ने लगी। अभी सारी दुनिया इस संकट से निपटने के रास्ते तलाशने में जुटी हुई थी कि अब चीन के बिजली संकट ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के सामने एक गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। अनुमान है कि इस कारण पूरा विश्व एक बार फिर से आर्थिक मंदी का शिकार हो सकता है।
कोयला आपूर्ति में कमी और कठोर उत्सर्जन मानकों को लागू करने और विनिर्माताओं एवं उद्योगों की मजबूत मांग की वजह से कोयले के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने तथा बिजली उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की वजह से चीन इस समय गंभीर बिजली संकट से गुजर रहा है। इस संकट की वजह से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के समक्ष एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। यह संकट क्रिसमश और न्यू ईयर जैसे त्योहार की खुशियों को कम कर सकता है। चीन में पावर सप्लाई की कमी के पीछे पर्यावरण नियंत्रण, सप्लाई को नियंत्रित और इसके बढ़ते ऊंचे दाम हैं और स्थिति ऐसी रही तो यहां पर कई कल-करखाने बंद हो जाएंगे, वहीं घरों में भी बिजली सप्लाई बाधित हो जाएगी।
ग्रोथ रेट में आएगी कमी
गोल्डमैन सैस ने चीन के ग्रोथ रेट में कमी का अनुमान लगाया है। इस साल विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की विकास दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि इससे पहले इसके बारे में 8.2 प्रतिशत विकास का अनुमान लगाया गया था। पावर सप्लाई की कमी का असर उत्तरी चीन के सबसे बड़े पोर्ट तियानजीन पर देखने को मिल रहा है, जहां पर बड़े-बड़े क्रेन के सहारे जहाज से माल उतारने का क्रम रुक गया है और इस सप्ताह के अंत तक ऐसी ही स्थिति रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।
क्या है चीन का एनर्जी यूज टार्गेट
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2020 के अंत में आयोजित यूनाइटेड नेशन के क्लाइमेट चेंज सम्मेलन में घोषणा की थी कि उनका देश जीपीडी के प्रति यूनिट कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में 2005 के स्तर से 65 प्रतिशत तक की कटौती 2030 तक करेगा। चीन दुनिया का शीर्ष कार्बन डाईऑक्साडड और अन्य प्रदूषित गैसों का उत्पादक है। चीन द्वारा उत्सर्जन में कमी को क्लाइमेंट चेंज के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
क्रिसमस से पहले बाजार में कमी
चीन की कुछ फैक्टरियों में उत्पादन बंद होने से क्रिसमस से पहले दुनियाभर के बाजारों में स्मार्टफोन और डिवाइसेस सहित अन्य वस्तुओं की कमी होने की संभावना जोर पकड़ रही है। एप्पल कम्पोनेंट सप्लायसर एसन प्रीसिसन इंजीनियरिंग ने कहा कि उसने स्थानीय प्रशासन के पावर रिस्ट्रिक्शन पॉलिसी के तहत पश्चिम संघाई के कुनशान में स्थित अपनी फैक्टरी में काम रोक दिया है।
आम जनता पर भी पड़ रहा है असर
चीन में बिजली संकट का असर आम जनता पर भी पड़ रहा है। चीन के कई इलाकों में ठंड शुरू हो गई है और हुलुदाओ शहर में लोगों को बिजली की उच्च खपत वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे वाटर हीटर और माइक्रोवेव ओवन का उपयोग पीक डिमांड के दौरान न करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा शॉपिंग मॉल भी अपने निर्धारित समय से पहले बंद किए जा रहे हैं।
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