नयी दिल्ली। भारत में बिजली उत्पादन की स्थिति में तेजी से सुधार आ रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक इस साल अब तक बिजली उत्पादन वृद्धि दर साढ़े नौ प्रतिशत रही है। यह 2004 से 2014 के दौरान रही वृद्धि दर 5.65 प्रतिशत से लगभग दुगनी है। बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा कि वर्ष 2004 से 2014 के बीच बिजली उत्पादन में वृद्धि की दर 5.65 प्रतिशत रही जो 2012-14 में 5.02 प्रतिशत, 2014-16 में 7.03 प्रतिशत और 2016 में अब तक साढ़े नौ प्रतिशत है।
उन्होंने यह भी बताया कि मात्र दो साल के भीतर उर्जा की कमी में 87 प्रतिशत की गिरावट आई है। पहले यह 11 करोड़ यूनिट थी जो अब घटकर 1.4 करोड़ यूनिट रह गई है। विद्युत प्रवाह एप के अनुसार बिजली की कमी इस साल जुलाई में 1.4 करोड़ यूनिट रही है जो पिछले साल इसी अवधि में 6.2 करोड़ यूनिट और 2014 में 11 करोड़ यूनिट थी। विद्युत प्रवाह एप राज्यों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर बिजली की मांग पर निगरानी रखता है।
गोयल ने ट्वीट में यह भी जानकारी दी कि कल देशभर में नेटवर्क में किसी भी रकावट के बिना दो रपये प्रति यूनिट से भी कम में उपलब्ध रही। उन्होंने कहा, यह बताता है कि देश एक राष्ट्र, एक ग्रिड और एक कीमत की ओर आगे बढ़ रहा है। इस एप के अनुसार कल अधिकतर राज्यों में बिजली 1.8 रपये प्रति यूनिट की दर पर उपलब्ध थी। इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा शामिल हैं।
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