नई दिल्ली। बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उनका मंत्रालय ताप और पनबिजली क्षेत्र में अटकी और वित्तीय दबाव का सामना कर रही परियोजनाओं को पटरी पर लाने के लिए अपनी ओर से प्रयास कर रहा है। उनके इस बयान को बिजली क्षेत्र के बारे में सरकार के इरादे का एक संकेत माना जा रहा है। गोयल ने मोदी सरकार के तीन साल के कामकाज के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि हम ऐसी ताप बिजली परियोजनाओं के ऋण संकट के समाधान के नजदीक हैं जहां परियोजना का विकास कर रही कंपनी ने कर्ज चुकाने के मामले में जानबूझ कर चूक नहीं की है। बिजली मंत्रालय अटकी पनबिजली परियोजनाओं के उद्धार पर भी काम कर रहा है। मंत्रालय कई बैंकों और संबद्ध पक्षों से विस्तृत चर्चा भी कर चुका है।
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सूत्रों के अनुसार बिजली मंत्रालय कुल प्रस्तावित 11,639 मेगावाट क्षमता की अटकी पनबिजली परियोजनाओं को उबारने के लिए एक नीति तय कर चुका है। इसके लिए 2024-25 तक 16,709 करोड़ रुपए की मदद की जाएगी। इसके अलावा पनबिजली परियोजनाओं को 4 प्रतिशत की ब्याज सहायता भी दी जाएगी।
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बिजली मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय और नीति आयोग मिल कर अगले 25 वर्ष के लिए एक ऊर्जा सुरक्षा नीति का समौदा तैयार करने में लगे हैं। गोयल ने उम्मीद जतायी कि 2022 तक भारत में नवीकरणीय बिजली की स्थापित क्षमता ताप बिजली की स्थापित क्षमता को पार कर जाएगी। उस समय तक देश में नवीकरणीय स्रोतों से बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता 1,75,000 मेगावाट करने का लक्ष्य है।
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