नई दिल्ली। देश में बिजली की मांग मंगलवार को अबतक के सर्वोच्च स्तर 1,97,060 मेगावाट पर पहुंच गयी। कई राज्यों में मानसून में देरी से पारा चढ़ने तथा कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये लगायी गयी पाबंदियों में ढील से आर्थिक गतिविधियां बढ़ने के साथ बिजली की मांग बढ़ी है। बिजली मंत्री आर के सिंह ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘आज (मंगलवार) बिजली की अधिकतम मांग दिन के 11.43 मिनट पर सर्वोच्च स्तर 1,97,060 मेगावाट पहुंच गयी। हम निकट भविष्य में इसके 2,00,000 मेगावाट पहुंचने को लेकर उत्सुक हैं।’’
बिजली मंत्रालय के अनुसार मंगलवार को दिन के 11.43 बजे बिजली की अखिल भारतीय मांग अब तक सर्वोच्च स्तर 1,97,060 मेगावाट पहुंच गयी। यह मांग पूरी की गयी। मंत्रालय ने कहा कि पांच जुलाई का आंकड़ा इससे पहले 30 जून को रिकार्ड 1,91,510 मेगावाट को पार कर गया है। विशेषज्ञों ने कहा कि मानसून में देरी के कारण कई राज्यों में अत्यधिक गर्मी तथा कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये लगायी गयी पाबंदियों में ढील से बिजली मांग बढ़ी है। पिछले महीने बिजली की अधिकतम मांग या अधिकतम आपूर्ति 30 जून को सालाना आधार पर 16 प्रतिशत बढ़कर 1,91,510 मेगावाट पहुंच गयी थी। इससे पहले, जून 2020 में बिजली की अधिकतम मांग 1,64,980 मेगावाट थी। बिजली की अधिकतम मांग जून 2019 में 1,82,450 मेगावाट थी।
इस बार देश के कुछ हिस्सों में मॉनसून में काफी देरी देखने को मिल रही है, जिससे इन क्षेत्रों में गर्मी में तेज बढ़त देखने को मिली है। दिल्ली में मॉनसून में रिकॉर्ड देरी की संभावना जताई जा रही है। तापमान के सामान्य से अधिक रहने की वजह से बिजली की खपत भी काफी बढ़ गयी है।
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