नई दिल्ली। देश में बिजली की खपत अक्टूबर के पहले पखवाड़े में 3.35 प्रतिशत बढ़कर 57.22 अरब यूनिट (बीयू) पर पहुंच गई। बिजली मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी मिली है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि कोयले की कमी के बीच देश में बिजली की मांग में सुधार हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल एक से 15 अक्टूबर के दौरान बिजली की खपत 55.36 अरब यूनिट रही थी। देश के बिजली संयंत्रों में कोयला संकट के बीच 15 अक्टूबर को व्यस्त समय में बिजली की कमी घटकर 986 मेगावॉट रह गई। सात अक्टूबर को बिजली की कमी 11,626 मेगावॉट थी। यहां उल्लेखनीय है कि सात अक्टूबर को 11,626 मेगावॉट की कमी इस महीने के पहले पखवाड़े में सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की 135 कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार की स्थिति पर 13 अक्टूबर की रिपोर्ट से पता चलता है कि खानों से दूर स्थित ऐसे संयंत्र जिनके पास चार दिन से कम का कोयला स्टॉक था, उनकी संख्या घटकर 64 रह गई है। आठ अक्टूबर को यह संख्या 69 थी। उस समय दैनिक बिजली की खपत 390 करोड़ यूनिट के पहले पखवाड़े के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी। इससे पहले बिजली मंत्रालय ने इसी महीने कहा था कि कोयले की कमी की वजह से 12 अक्टूबर को क्षमता से 11 गीगावॉट कम का बिजली उत्पादन हुआ था। यह आंकड़ा 14 अक्टूबर को घटकर पांच गीगावॉट पर आ गया। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार के कोयला आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों से बिजली की मांग और खपत में उल्लेखनीय सुधार होगा। इसके अलावा राज्यों द्वारा लॉकडाउन अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियां भी रफ्तार पकड़ रही हैं, जिससे बिजली की मांग में सुधार आ रहा है। हालांकि, इस साल सितंबर में बिजली की मांग मामूली 1.7 प्रतिशत के सुधार के साथ 114.35 अरब यूनिट रही। पिछले साल सितंबर में बिजली की खपत 112.43 अरब यूनिट रही थी। यह सितंबर, 2019 के 107.51 अरब यूनिट के आंकड़े से अधिक है। विशेषज्ञों ने कहा कि सितंबर, 2021 में बिजली की मांग में सुधार कम रहा। इसकी वजह यह रही है कि इस महीने काफी अधिक बारिश हुई।
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