नई दिल्ली। देश में बिजली की खपत इस साल अक्टूबर में 13.38 प्रतिशत बढ़कर करीबी 111 अरब यूनिट हो गयी। बिजली की खपत में बढ़त की सबसे बड़ी वजह औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों की ओर से बिजली की मांग बढ़ना है। बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में देश की बिजली खपत 110.94 अरब यूनिट रही। पिछले साल अक्टूबर में यह आंकड़ा 97.84 अरब यूनिट था। पिछले महीने विशेषज्ञों ने अक्टूबर में बिजली खपत में दोहरे अंक की वृद्धि की संभावना जतायी थी। उन्होंने अक्टूबर के पहले 15 दिन के आंकड़ों का आकलन कर यह अनुमान जताया था।
पिछले महीने में शुरू के 15 दिन में बिजली की खपत 11.45 प्रतिशत बढ़कर 55.37 अरब यूनिट थी। अक्टूबर 2019 की इसी अवधि में देश की बिजली खपत 49.67 अरब यूनिट थी। विशेषज्ञों ने कहा कि अक्टूबर में बिजली खपत में दहाई अंक की वृद्धि दर्ज की गयी है। यह देश में वाणिज्य और उद्योग की मांग बढ़ने का संकेत है। आने वाले महीनों में यह स्थिति और बेहतर होगी। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने 25 मार्च को लॉकडाउन कर दिया था। तब बिजली की खपत कम होने लगी थी और बिजली क्षेत्र को मार्च से अगस्त तक लगातार छह महीने तक मांग में कमी का सामना करना पड़ा। आंकड़ों के मुताबिक छह महीने के अंतराल के बाद बिजली क्षेत्र की मांग में सितंबर में सुधार दिखना शुरू हुआ। सितंबर में बिजली खपत 4.6 प्रतिशत बढ़कर 112.43 अरब यूनिट पर पहुंच गयी जो पिछले साल इसी माह में 107.51 अरब यूनिट थी। अक्टूबर में व्यस्तम समय के दौरान अधिकतम बिजली आपूर्ति 170.04 गीगावाट रही। यह अक्टूबर 2019 के उच्चतम 164.25 गीगावाट की खपत से 3.52 प्रतिशत अधिक है।
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