नई दिल्ली। आर्थिक गतिविधियों में तेजी के साथ बिजली की मांग में भी सुधार देखने को मिल रहा है। देश की बिजली खपत नवंबर महीने के पहले 15 दिन में 7.8 फीसदी बढ़कर 50.15 बीयू (Billion Units) रही है। इससे संकेत हैं कि देश में आर्थिक गतिविधियां तेज हो रही हैं। पिछले साल पूरे नवंबर के दौरान देश में बिजली की खपत 93.94 बीयू थी। पहले 15 दिन के आंकड़ों से अनुमान है कि नवंबर के महीने में देश में लगातार तीसरे महीने बिजली की खपत में बढ़त देखने को मिलेगी।
6 महीने की गिरावट के बाद सितंबर के महीने में बिजली की खपत में बढ़त देखने को मिली थी। सितंबर में खपत पिछले साल के मुकाबले 4.4 फीसदी की बढ़त के साथ 112.24 बीयू रही थी। वहीं अक्टूबर के दौरान बिजली की खपत 12 फीसदी बढ़ी है। जानकारों के मुताबिक प्रतिबंधों में नरमी के बाद नवंबर के आंकड़ों से संकेत हैं कि बिजली की कमर्शियल औऱ इंडस्ट्रियल मांग में लगातार सुधार जारी है।
सरकार ने कोरोना पर लगाम लगाने के लिए इस साल 25 मार्च को देशव्यापी बंद का ऐलान किया था, जिसके बाद से बिजली की मांग में तेज गिरावट देखने को मिली। कोरोना संकट की वजह से मार्च से अगस्त के दौरान लगातार बिजली की मांग में कमी देखने को मिली। बिजली की खपत में मार्च के दौरान 8.7 फीसदी, अप्रैल में 23.2 फीसदी, मई को 14.9 फीसदी, जून में 10.9 फीसदी, जुलाई में 3.7 फीसदी और अगस्त में 1.7 फीसदी की गिरावट रही थी। इससे पहले फरवरी में बिजली की खपत 11.73 फीसदी बढ़ी थी।
वहीं नवंबर के दौरान पीक पावर डिमांड पिछले साल के मुकाबले 5.6 फीसदी बढ़ी है। पीक पावर डिमांड किसी एक दिन में बिजली की सबसे ज्यादा सप्लाई को कहते हैं। 3 नवंबर 2020 को 160.77 GW की पावर सप्लाई रिकॉर्ड हुई थी। वहीं पिछले साल 6 नवंबर 2019 KA 152.77 पावर की सप्लाई रिकॉर्ड हुई थी।
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