Corona काल में भी नहीं मिल रही महंगी सब्जियों से राहत, आलू 2 माह में हुआ दोगुना महंगा
इस समय पहाड़ी आलू का सीजन है, इसलिए यह ऊंचे भाव पर बिक रहा है, जबकि कोल्ड स्टोरेज से भी आलू की आवक कम हो रही है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के चलते आर्थिक बदहाली से जूझ रहे आम उपभोक्ताओं पर अब महंगाई की भी मार पड़ रही है। खासतौर से महंगी सब्जियों से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। सब्जियों में सबसे ज्यादा खपत होने वाले आलू के दाम बीते दो महीने में बढ़कर दोगुना हो गए हैं।
कोरोना काल में होटल, रेस्तरां, कैंटीन और ढाबों में सब्जियों की खपत कम होने के बावजूद इनकी कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। कारोबारी बताते हैं कि बरसात में हरी सब्जियों का उत्पादन कम हो जाने की वजह से आवक कम हो रही है, जबकि आलू के साथ यह बात लागू नहीं होती, क्योंकि इसकी ज्यादातर आवक इस समय कोल्ड स्टोरेज से हो रही है।
साथ ही, सरकारी आंकड़े बताते हैं कि फसल वर्ष 2019-20 में आलू का उत्पादन बीते वर्ष से ज्यादा हुआ है। देश में आलू का उत्पादन ज्यादातर रबी सीजन में होता है, लेकिन कुछ इलाकों में खरीफ सीजन में आलू की पैदावार होती है। इसलिए कोल्ड स्टोरेज के अलावा ताजा आलू की आवक बाजार में सालभर बनी रहती है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 के दौरान देश में आलू का उत्पादन 513 लाख टन हुआ, जबकि एक साल पहले वर्ष 2018-19 में देश में 501.90 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था। एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में गुरुवार को आलू का थोक भाव 12 रुपए से 44 रुपए प्रति किलो था, जो दो महीने पहले 13 जून को आठ रुपए से 21 रुपए प्रति किलो था। इस तरह महज दो महीने में आलू का अधिकतम थोक भाव दोगुना से भी ज्यादा हो गया है और निचला भाव भी डेढ़ गुना बढ़ गया है।
आजादपुर मंडी कृषि उपज विपणन समिति के पूर्व चेयरमैन राजेंद्र शर्मा ने बताया कि हल्द्वानी का ताजा आलू जो अभी मंडियों में आ रहा है, वह ऊंचे भाव पर बिक रहा है। उन्होंने बताया कि इस समय पहाड़ी आलू का सीजन है, इसलिए यह ऊंचे भाव पर बिक रहा है, जबकि कोल्ड स्टोरेज से भी आलू की आवक कम हो रही है। कोल्ड स्टोरेज के आलू का थोक भाव इस समय 20 से 28 रुपए प्रति किलो है। शर्मा ने बताया कि होटल, रेस्तरां और कैंटीन की खपत समाप्त होने के साथ-साथ साप्ताहिक बाजार बंद रहने के कारण भी सब्जियों की खपत पर असर पड़ा है। आजादपुर मंडी में आलू की आवक बीते चार महीनों में पिछले साल के मुकाबले कम रही है।
मंडी में आलू की मासिक आवक के आंकड़ों पर गौर करें तो इस अप्रैल में आलू की आवक पिछले साल से 50 फीसदी कम रही। वहीं, मई में आजादपुर मंडी में आलू की आवक पिछले साल से 47.29 फीसदी कम, जबकि जून में 38.50 फीसदी और जुलाई में 41.04 फीसदी कम रही है। आलू के साथ-साथ अन्य हरी सब्जियों की कीमतों में भी बीते दो महीनों में 50 से 200 फीसदी तक का इजाफा हुआ है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर जून में 6.23 फीसदी थी, जो जुलाई में बढ़कर 6.93 फीसदी हो गई। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) आधारित खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर जुलाई में 9.62 फीसदी दर्ज की गई, जो जून में 8.72 फीसदी थी। आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं में सब्जियों की महंगाई जुलाई में पिछले साल के इसी महीने से 11.29 फीसदी बढ़ी है।
दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों के मौजूदा खुदरा भाव (रुपए प्रतिकिलो)
आलू 40-50
फूलगोभी 120
बंदगोभी-40
टमाटर 60-70
प्याज 25-30
लौकी 30
भिंडी 30
खीरा 30
कद्दू 30
बैंगन 40
शिमला मिर्च 80
तोरई 30
करेला 40
परवल 60-70
लोबिया 40
अरबी 40
अदरख 200
गाजर 40
चुकंदर 40
जून में सब्जियों के खुदरा दाम (रुपए प्रति किलो)
आलू 20-25
गोभी 30-40
टमाटर 20-30
प्याज 20-25
लौकी 20
भिंडी 20
खीरा 20
कद्दू 10-15
बैंगन 20
शिमला मिर्च 60
तोरई 20
करेला 15-20