नई दिल्ली। डाकघरों के करीब 34 करोड़ बचत खाताधारक मई से पूर्ण रूप से डिजिटल बैंकिंग सेवा का लाभ उठा सकेंगे। सरकार ने ऐसे खातों को भारतीय डाक भुगतान बैंक ( IPPB ) से जोड़ने की अनुमति दे दी है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने डाकघरों में बचत बैंक खातों को IPPB खातों से जोड़ने को मंजूरी दे दी है। इससे डाकघरों में बचत खाता रखने वाले अपने खाते से दूसरे बैंक खातों में धन का अंतरण कर सकेंगे।
कुल 34 करोड़ बचत खातों में 17 करोड़ बचत बैंक खाते तथा शेष मासिक आय योजना , आवर्ती जमा खाते आदि हैं। इस कदम से देश का सबसे बड़ा बैंकिंग नेटवर्क सृजित होने का रास्ता साफ होगा क्योंकि भारतीय डाक की सभी 1.55 लाख डाकघर शाखाओं को IPPB से जोड़ने की योजना है। भारतीय डाक ने कोर बैंकिंग सेवा शुरू की है लेकिन वह केवल डाकघरों में बचत बैंक खातों में धन अंतरण की सुविधा दे रहा है।
सूत्रों ने बताया कि IPPB का संचालन रिजर्व बैंक (RBI) करता है जबकि डाकघर की बचत बैंक सेवा वित्त मंत्रालय के अधीन आती है। IPPB ग्राहक बैंक ग्राहकों के लिये उपलब्ध NEFT , RTGS तथा IMPS सेवा का उपयोग कर सकते हैं। एक बार डाकघर बचत खातों को को IPPB से जोड़ने पर , डाकघर के बचत खाता रखने वाले ग्राहक बैंकों की तरह धन अंतरण का लाभ उठा सकेंगे।
सूत्रों ने कहा कि यह सेवा वैकल्पिक होगी। अगर डाकघर खाताधारक इसका विकल्प चुनते हैं , तभी उनके खाते को IPPB खातों से जोड़ा जाएगा। इससे पहले जारी आधिकारिक बयान के अनुसार भारतीय डाक की इस महीने से सभी 650 IPPB शाखाओं में परिचालन शुरू करने की योजना है। सभी 650 शाखाओं को जिलों के छोटे डाकघरों से जोड़ा जाएगा। सूत्रों के अनुसार सितंबर से शुरू दूसरे चरण में डाकघर में खाताधारकों को डाकघर के उत्पादों के लिये अपने IPPB खातों से भुगतान का विकल्प दिया जाएगा। इसमें सुकन्या समृद्धि योजना , आवर्ती जमा , स्पीड पोस्ट आदि शामिल हैं।
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