मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 जून, 2021 को समाप्त सप्ताह में 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इससे पूर्व, चार जून, 2021 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.842 अरब डॉलर बढ़कर 605.008 अरब डॉलर हो गया था। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 11 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में हुई अच्छी वृद्धि है। यह कुल मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां आलोच्य सप्ताह के दौरान 2.567 अरब डॉलर बढ़कर 563.457 अरब डालर हो गईं। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां डॉलर में व्यक्त की जाती हैं। इसमें डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन में अंकित सम्पत्तियां भी शामिल हैं। आलोच्य सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 49.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.101 अरब डॉलर हो गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10 लाख डॉलर घटकर 1.512 अरब डॉलर रह गया। वहीं, आईएमएफ के पास देश का आरक्षित भंडार भी 1.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.011 अरब डॉलर हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग दोगुना हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2014 में कार्यभार संभाला था। मई 2014 के अंत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 312.38 अरब डॉलर था जो अब बढ़कर 600 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को 2 साल पूरे हो चुके हैं और 2 साल के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 179 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। मई 2019 के अंत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 421.86 अरब डॉलर था।
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