मुंबई। पोत परिवहन मंत्रालय ने गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बंदरगाह कर्मचारियों के साथ नया वेतन समझौता किया है। इस समझौते के तहत बंदरगाह कर्मचारियों का वेतन 10.6 प्रतिशत बढ़ेगा। इससे मंत्रालय पर सालाना 560 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। समझौते पर पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में श्रमिक यूनियनों तथा प्रबंधन ने हस्ताक्षर किए। इससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मूल वेतन पर 10.6 प्रतिशत ‘फिटमेंट’ और 2017 से पांच साल की अवधि के लिए महंगाई भत्ता मिलेगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि देश के सभी बड़े बंदरगाहों के कर्मचारियों के लिए किए गए इस समझौते से मंत्रालय पर कुल मिलाकर 560 करोड़ रुपए सालाना का वित्तीय बोझ पड़ेगा। इस वेतनवृद्धि का लाभ 32,000 श्रमिकों तथा समूह ‘सी’ और ‘डी’ के 1.05 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा।
मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन संजय भाटिया ने कहा कि पिछली बार वृद्धि 10.5 प्रतिशत की थी। यह पहला मौका है जबकि वेतनवृद्धि को लेकर बातचीत सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई है और कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर किसी तरह की औद्योगिक कार्रवाई नहीं की।
गडकरी ने आपसी सहमति से हुए इस समझौते का स्वागत करते हुए स्पष्ट किया कि यदि आपको बेहतर वेतन चाहिए तो मुनाफा, आमदनी और दक्षता का स्तर भी ऊंचा ही होना चाहिए। गडकरी ने कहा कि हम किसी श्रमिक के खिलाफ नहीं हैं और किसी को हटाना भी नहीं चाहते। लेकिन व्यावसायिक प्रदर्शन बेहतर होगा तभी बेहतर वेतन दिया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय के लिए सीमित 800 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया है। ऐसे में बंदरगाहों द्वारा अतिरिक्त संसाधन जुटाना महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि बंदरगाह क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए पूंजी निवेश की जरूरत है।
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