नई दिल्ली। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने कहा कि नीतियों में भाजपा नीत सरकार में अबतक बदलाव शुरुआती उम्मीद के मुकाबले ज्यादा धीमा हो रहा है और विनिर्माण को बढ़ाने तथा रोजगार सृजन के लिए और ठोस उपायों की प्रतीक्षा है। मोदी सरकार के दो साल पूरा होने के करीब पहुंचने के बीच यह बात कही गई है।
कंपनी ने कहा कि भारत को उच्च वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए जीएसटी क्रियान्वयन, खाद्य कीमत स्थिरता के लिए आपूर्ति पक्ष से जुड़े उपाय तथा बैंक क्षेत्र में सुधार जैसे संरचनात्मक सुधारों की जरूरत है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने कहा, वित्तीय समावेशी बढ़ाने के उपाय, सब्सिडी वितरण की कुशलता में वृद्धि, रेलवे में निवेश में बढ़ोतरी तथा प्रतिस्पर्धी संघवाद (राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाना) से कुल मिलाकर वृद्धि को लाभ होगा।
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्रियान्वयन सुगम होने की संभावना कम है। सत्तारूढ़ दल 2016 में संसद के उच्च सदन में अधिक सीटें हासिल कर सकता है लेकिन वह दो तिहाई बहुमत से पीछे रह सकता है, जो जीएसटी को पारित कराने के लिए जरूरी है।
रिपोर्ट के अनुसार सरकार को देश के बड़े राज्य में चुनाव से पहले क्षेत्रीय दलों के साथ राजनीतिक सहमति बनाने की जरूरत होगी। लोकसभा में पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा नीत राजग सरकार 26 मई 2014 को सत्ता में आई लेकिन विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस के विरोध के कारण जीएसटी जैसे कुछ महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में अटके हुए हैं। स्टैनचार्ट ने कहा कि नीतियों में बदलाव की गति शुरुआती अपेक्षा के मुकाबले धीमी है हालांकि यह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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