कोच्चि। दवा शोध कंपनी पीएनबी वेस्पर को कोविड-19 की संभावित दवा के दूसरे चरण का चिकित्सिय परीक्षण शुरु करने के लिए दवा नियंत्रक की अनुमति मिल गई है। इसके साथ ही यह दुनिया में पहली ऐसी कंपनी बन गई है जो इस तरह का परीक्षण एक नए रासायनिक तत्व के साथ कर रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पन्द्रह साल पुरानी इस कंपनी ने छह नए रासायनिक तत्वों को विकसित किया है और इसमें एक नवीनतम पीएनबी001 का कोरोनोवायरस रोगियों के इलाज के लिए परीक्षण किया जाएगा। कंपनी के प्रवर्तक और मुख्य कार्यकारी पी एन बालाराम ने बताया कि इस अवयव को शुरू में फेफड़े के कैंसर के लिए विकसित किया गया था। कंपनी की प्रयोगशालाएं ब्रिटेन में हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी ने दूसरे चरण के चिकित्सिय परीक्षण के लिए केंद्रीय औषधि मानक संगठन के तहत आने वाली केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त की है।
उन्होंने कहा कि पीएनबी वेस्पर को कोविड-19 उपचार के लिए नए अणु (मॉलेक्यूल) के संदर्भ में नैदानिक परीक्षण शुरू करने वाली दुनिया की एकमात्र कंपनी बन गई है। बालाराम के पास कंपनी का शत प्रतिशत मालिकाना हक है। उनके पास छह अमेरिकी, ब्रिटिश और जर्मन वैज्ञानिक अनुसंधान भागीदार हैं, जो अगले महीने से अपने कोच्चि कार्यालय में काम शुरू कर देंगे। पीएनबी001 (जीपीपी-बालाडोल) का अमेरिका, यूरोप और भारत सहित कई एशियाई देशों में वर्ष 2036 तक पेटेंट है।
यह परीक्षण, बीएमजे मेडिकल कॉलेज, पुणे में 40 कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों पर किया जाएगा। बालाराम ने कहा कि पहले चरण का नैदानिक परीक्षण फरवरी में लम्बादा चिकित्सीय अनुसंधान द्वारा अहमदाबाद में 78 रोगियों पर किया गया था। पहले चरण के परीक्षणों के परिणाम के आधार पर, उन्होंने कहा कि पीएनबी-001 एस्पिरिन की तुलना में 20 गुना अधिक प्रभावी है और रोगियों पर कोई टॉक्सिक प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दी है। यदि दूसरा चरण सफल रहा, तो कंपनी एम्स नई दिल्ली, एम्स लखनऊ और मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई और पुणे के अन्य प्रमुख अस्पतालों में 378 रोगियों पर तीसरे चरण के परीक्षण के लिए जाएगी।
Latest Business News