नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में 20,000 करोड़ रुपए के फंसे कर्ज की वसूली की है। यह इससे पिछले वित्त वर्ष में की गई फंसे कर्ज की वसूली का दोगुना है। बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने यह जानकारी दी।
नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और बैंक के कुछ कर्मचारियों द्वारा बैंक में की गई धोखाधड़ी के चलते बैंक को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इस घोटाले का खुलासा 2018 की फरवरी में हुआ था। मेहता ने बैंक की वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि 2018-19 की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही।
उन्होंने कहा कि इतनी चुनौतियों के बावजूद बैंक का घाटा घटकर 9,975 करोड़ रुपए रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में 12,283 करोड़ रुपए था। बैंक के फंसे कर्ज के स्तर में तिमाही आधार पर कमी आई है। मार्च 2018 के अंत में बैंक का शुद्ध एनपीए 48,684 करोड़ रुपए था, जो घटकर 30,038 करोड़ रुपए पर आ गया।
मेहता ने कहा कि मार्च 2019 तक बैंक की फंसे कर्ज की वसूली 20,000 करोड़ रुपए से अधिक रही, जबकि 2017-18 में बैंक ने 9,666 करोड़ रुपए का ही फंसा कर्ज वसूला था। रिपोर्ट के अनुसार समीक्षावधि में बैंक का सकल घरेलू ऋण 14.1 प्रतिशत बढ़कर 4.91 लाख करोड़ रुपए रहा। बैंक ने 31 मार्च 2019 तक कुल 1,142 लोगों को जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वाला चूककर्ता घोषित किया है।
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