मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बुधवार को धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में कई आवेदन देकर भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की दो कंपनियों की जब्त संपत्ति पूर्व स्थिति में लाये जाने का आदेश देने का आग्रह किया। मोदी पर बैंक के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। बैंक ने पीएमएलए के तहत आवेदन विशेष न्यायाधीश वी सी बर्दे के समक्ष दिये। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े आर्थिक अपराधी कानून के तहत नीरव मोदी की 329.66 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली थी।
जब्त की गई संपत्ति में मोदी के स्वामित्व वाली कंपनी फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड की संपत्ति शामिल हैं। मामले में अन्य लोगों के साथ नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार मेहुल चोकसी मुख्य आरोपी हैं। प्रवर्तन निदेशालय मनी लांड्रिंग के आरोपों को लेकर मामले की जांच कर रहा है। यह मामला दो अरब डॉलर (लगभग 14,000 करोड़ रुपये से अधिक) की बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है। इस धोखाधड़ी को पीएनबी की मुंबई में ब्रैडी हाउस शाखा के बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर तथा गलत तरीके से गारंटी पत्र (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) जारी कर अंजाम दिया गया।
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अदालत ने ईडी को मामले में 28 जुलाई को जवाब देने को कहा है। नीरव मोदी (49) को पीएमएलए अदालत ने दिसंबर, 2019 में आर्थिक भगोड़ा घोषित किया था। उसके बाद अदालत ने ईडी को कानून के प्रावधानों के तहत संपत्ति जब्त करने की अनुमति दे दी थी। वह मार्च, 2019 में लंदन में गिरफ्तार होने के बाद फिलहाल ब्रिटेन की जेल में बंद है। उसे भारत लाये जाने के प्रयास जारी हैं।
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