नई दिल्ली। वैश्विक संकेतों और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के असर से विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक शेयर बाजारों से करीब 10 हजार करोड़ रुपए यानी 1.5 अरब डॉलर की निकासी की है। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक ने 14 फरवरी को आभूषण कारोबारियों नीरव मोदी और मेहुल चौकसी समूह की कंपनियों द्वारा बैंक से धोखाधड़ी का खुलासा किया था। यह घोटाला 11,400 करोड़ रुपए का है।
डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टपोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने एक फरवरी से 23 फरवरी के बीच कुल 9,899 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की है। हालांकि इस दौरान उन्होंने ऋण बाजार में 1,500 करोड़ रुपए का निवेश किया है। जनवरी में एफपीआई ने 13,780 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
ऑनलाइन निवेश मंच ‘ग्रो’ के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा कि जनवरी में अमेरिका में बेरोजगारी दर 17 के निचले स्तर 4.1 प्रतिशत पर रही। इसके अलावा इस बात की भी काफी आशंकाएं हैं कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए फेडरल रिजर्व ब्याज दर बढ़ा सकता है। हमने वैश्विक स्तर पर बिकवाली देखी है। भारतीय बाजार से एफपीआई की निकासी के कारण यही हैं।
इंटेलिस्टॉक्स की मुख्य निवेश सलाहकार नलिनी जिंदल ने कहा कि अमेरिका में मुद्रास्फीति कई साल के निचले स्तर पर है जिससे फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने की आशंका प्रबल हुई है। इसके कारण एफपीआई सतर्कता बरत रहे हैं।
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