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Hindi News पैसा बिज़नेस नीरव मोदी की हिरासत अवधि 27 फरवरी तक बढ़ी, प्रत्यर्पण पर सुनवाई 11 मई से होगी शुरू

नीरव मोदी की हिरासत अवधि 27 फरवरी तक बढ़ी, प्रत्यर्पण पर सुनवाई 11 मई से होगी शुरू

नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर सुनवाई 11 मई से शुरू होनी है और इसके करीब पांच दिन चलने का अनुमान है।

PNB fraud case: Nirav Modi remanded until February 27- India TV Paisa PNB fraud case: Nirav Modi remanded until February 27

लंदन। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को गुरुवार को ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में नियमित सुनवाई के लिए पेश किया गया। अदालत ने उसे 27 फरवरी तक के लिए हिरासत में भेज दिया है। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब दो अरब डॉलर की कर्ज धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में भारत में वांछित है। ब्रिटेन में उसके प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई चल रही है।

वैंड्सवर्थ कारागार में कैद नीरव मोदी जेल से वीडियो लिंक के जरिये जिला जज डेविड रोबिन्सन के समक्ष पेश हुआ। जज ने नीरव मोदी से कहा कि मुझे बताया गया कि आपका मामला 11 मई को अंतिम सुनवाई के निर्देशों के अनुसार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने हिरासत में सुनवाई की अगली तारीख 28 दिन बाद 27 फरवरी निर्धारित की है।

नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर सुनवाई 11 मई से शुरू होनी है और इसके करीब पांच दिन चलने का अनुमान है। नीरव मोदी ने पिछले साल नवंबर में घर में नजरबंदी की गारंटी की पेशकश करते हुए जमानत की अर्जी लगाई थी। यह एक अभूतपूर्व पेशकश थी क्योंकि आतंकवाद के मामलों में संदिग्ध व्यक्तियों को इस प्रकार निरुद्ध किया जाता है।

नीरव मोदी ने साथ ही यह भी दुहाई दी थी कि मार्च में गिरफ्तार किए जाने के बाद वैंड्सवर्थ जेल में सलाखों के पीछे रहते हुए उसका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ गया है। हालांकि चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने गवाहों को प्रभावित करने तथा मई में प्रस्तावित सुनवाई में पेशी से भागने की आशंका के मद्देनजर उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा था कि इस साल की शुरुआत में ब्रिटेन का उच्च न्यायालय नीरव मोदी की याचिका ठुकरा चुका है इसलिए उच्च न्यायालय में जमानत के लिए अपील की कोई और संभावना नहीं है।

इस बीच, प्रत्यर्पण मुकदमे की सुनवाई तक नीरव मोदी को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में प्रारंभिक सुनवाई के लिए हर 28 दिन में पेश होना होगा। नीरव मोदी ने धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को खारिज किया था। हूगो कीथ के नेतृत्व में बचाव पक्ष ने दावा किया है कि भारत सरकार ने गलत तरीके से नीरव मोदी का नाम विश्वविख्यात घोटालेबाज के रूप में प्रचारित कर उसे बदनाम किया है। 

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