नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक का ब्योरा देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि इससे देश के आर्थिक हित प्रभावित होंगे। एक आरटीआई आवेदन के माध्यम से PMO से पांच जून को हुई इस बैठक का ब्योरा मांगा गया था। बैठक में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के सचिव और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए थे।
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PMO ने आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा कि चूंकि आवेदक का अनुरोध देश के आर्थिक हित से जुड़ा है अत: उसे आरटीआई अधिनयम की धारा 8 (1) (ए) के तहत खुलासे से छूट प्राप्त है। यह धारा ऐसी किसी सूचना को सार्वजनिक किए जाने पर रोक लगाती है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, रणनीतिक या आर्थिक हित का अन्य देशों के संदर्भ में प्रभावित करे या जिससे किसी अपराध के लिए उकसावा मिले।
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GST एक जुलाई से लागू होने जा रहा है। इससे सबसे बड़ा कर सुधार बताया जा रहा है। पांच जून की बैठक के बाद PMO से जारी विज्ञप्ति में मोदी ने कहा था कि एक जुलाई से लागू हो रहा GST देश के इतिहास में एक अहम मोड़ साबित होगा। विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने सचिवों से इस बदलाव के वास्ते सक्रियता से जुटने का आह्वान किया था। PMO की एक अन्य विग्यप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री ने जीएसटी की स्थिति की समीक्षा की थी।
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