नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज की स्थिति पर विचार-विमर्श के लिए तत्काल जरूरी बैठक बुलाई है। जेट एयरवेज गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है। वहीं दूसरी ओर संकटग्रस्त जेट एयवेज ने नकदी की कमी के चलते अपने अंतरराष्ट्रीय उड़ान परिचालन को सोमवार तक के लिए निलंबित कर दिया। डीजीसीए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जेट एयरवेज फिलहाल घरेलू मार्गों पर 50 से भी कम उड़ान सेवाओं का परिचालन कर रही है। एयरलाइन के पास फिलहाल सिर्फ 16 विमान परिचालन के लिए ही उपलब्ध हैं।
सूत्रों ने बताया कि नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने विभाग के सचिव से जेट एयरवेज से संबंधित मुद्दों की समीक्षा को कहा था उसके बाद यह बैठक बुलाई गई है। संकटग्रस्त जेट एयरवेज गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है और उसने अपनी कई उड़ानों को खड़ा कर दिया तथा सोमवार तक के लिए अंतरराष्ट्रीय परिचालन भी रोक दिया है।
एयरलाइन ने शेयर बाजारों को सूचित किया था कि पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों को भुगतान नहीं कर पाने की वजह से उसे अपने दस और विमानों को खड़ा करना पड़ा है।
वहीं, स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह द्वारा हिस्सेदारी की बिक्री के लिए आमंत्रित बोली की समय सीमा शुक्रवार को समाप्त हो गई। बैंकों का समूह एयरलाइन के दैनिक परिचालन को देख रहा है। बोली सौंपने के लिए समयसीमा को दो दिन बढ़ाकर शुक्रवार किया गया था।
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक एयरलाइन के संस्थापक नरेश गोयल, यूएई की एतिहाद एयरवेज, एयर कनाडा और अन्य निवेशकों ने एयरलाइन के लिए बोली सौंपी हैं।
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