विजय माल्या अब हैं भगोड़ा अपराधी, ब्रिटेन से प्रत्यर्पण के लिए रास्ता हुआ आसान
स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने तथाकथित बैंक लोन घोटाला मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया है।
नई दिल्ली। स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने तथाकथित बैंक लोन घोटाला मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया है। कोर्ट के इस कदम से ब्रिटेन से माल्या को प्रत्यर्पण करने का रास्ता और आसान हो गया है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले हफ्ते मुंबई में स्पेशल कोर्ट से विजय माल्या को भगोड़ा अपराधी घोषित करने की मांग की थी।
अधिकारियों ने बताया कि पीएमएलए के तहत माल्या के खिलाफ कई गिरफ्तारी वारंट लंबित हैं और उनके खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट भी जारी हो चुका है, ऐसे में एजेंसी ने दंड संहिता प्रक्रिया की धारा 82 के तहत माल्या को भगौड़ा अपराधी घोषित करने की मांग विशेष अदालत से की है। इससे उन्हें ब्रिटेन से प्रत्यर्पण के जरिये भारत वापस लाना आसान होगा, क्योंकि इंटरपोल ने कोई आपराधिक मामला न होने की वजह से माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इंकार कर दिया था। इतना हीं नहीं माल्या पर विभिन्न बैंकों का 9400 करोड़ रुपए बकाया वसूली के लिए ईडी ने विजय माल्या की 1,411 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की थीं। कुर्क की गई संपत्तियों में बेंगलुरु, मुंबई, चेन्न्ई और कूर्ग स्थित प्रॉपर्टी शामिल हैं।
माल्या को वापस लाने की हो रही है पूरी कोशिश
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने भी कहा है कि शराब कारोबारी विजय माल्या को वापस लाने का एकमात्र तरीका प्रत्यर्पण है और सरकार जरूरी कानूनी प्रक्रिया पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि माल्या को जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाला घोषित किया है लेकिन हमें ब्रिटेन के साथ कानून प्रक्रिया के जरिये जाना है। सिन्हा ने कहा, उन्हें यहां वापस लाने का एकमात्र तरीका प्रत्यर्पण है लेकिन ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण प्रक्रिया बेहद जटिल है और कानूनी प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं।
माल्या बोले देश से भागा नहीं
ईडी द्वारा संपत्ति कुर्क करने के बाद विजय माल्या ने कहा कि वह जिनेवा बैठक के लिए भारत से निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक दो मार्च को रवाना हुए थे। उस समय ईडी की कार्यवाही शुरू नहीं हुई थी और उन्हें कोई समन जारी नहीं किया गया था। उन्होंने बताया कि सभी सरकारी एजेंसियां उन्हें पेशी से मिली पिछली छूटों को रद्द कराने के लिए विभिन्न अदालतों में जा रही हैं ताकि मेरे खिलाफ और भी गैर जमानती वारंट जारी हो सके। यह सभी मेरे प्रत्यर्पण के लिए एक मामला बनाने को लेकर एक सामूहिक प्रयास लगता है।
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