PMC Bank: पूर्व निदेशक को 22 अक्टूबर तक हिरासत में भेजा, अब तक 5 गिरफ्तार, HDIL के प्रमोटर ने RBI से कही ये बात
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध जांच शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पीएमसी बैंक घोटाले की जांच के सिलसिले में बैंक के पूर्व निदेशक सुरजित सिंह अरोड़ा को बुधवार को पूछताछ के लिए तलब किया, जिसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
मुंबई/नई दिल्ली। आज गुरुवार को मुंबई की एक अदालत ने पीएमसी बैंक घोटाले में बैंक के पूर्व निदेशक सुरजीत सिंह अरोड़ा को 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत पर भेज दिया है। अदालत ने बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को भी आज पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अरोड़ा और थॉमस के अलावा इस घोटाले में एचडीआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राकेश वधावन, उनके पुत्र सारंग वधावन और पीएमसी बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध जांच शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पीएमसी बैंक घोटाले की जांच के सिलसिले में बैंक के पूर्व निदेशक सुरजित सिंह अरोड़ा को बुधवार (16 अक्टूबर) को पूछताछ के लिए तलब किया, जिसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। यह घोटाले में पांचवीं बड़ी गिरफ्तारी है। अरोड़ा बैंक की ऋण समिति के सदस्य थे। एक अधिकारी ने कहा, 'हम इस बैंक में ऋण जारी करने की प्रक्रिया का ब्योरा जानने का प्रयास कर रहे हैं। घोटाले में उनकी भूमिका सामने आई है, वह ऋण मंजूर करने की प्रक्रिया में शामिल रहे हैं।'
पीएमसी बैंक के 4,355 करोड़ रुपए के घोटाले के सिलसिले में जांच एजेंसियां लगातार जांच पड़ताल करके खुलासे कर रही हैं। अरोड़ा को गुरुवार को मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट एस. जी. शेख की अदालत में पेश किया गया, अदालत ने उन्हें 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
एचडीआईएल के प्रमोटरों ने कहा- हमारी 18 अटैच संपत्तियां बेच दें
हालांकि बुधवार को घोटाले में आरोपी रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल के प्रमोटर अपनी अटैच संपत्ति बेचकर रकम चुकाने के लिए तैयार हैं। बुधवार को एडीआईएल के प्रमोटर राकेश और सारंग वाधवान ने वित्त मंत्रालय, आरबीआई और जांच एजेंसियों को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने अपनी रोल्स रॉयस और एयरक्राफ्ट समेत 18 अटैच संपत्तियों को नीलाम करने की बात कही है। एचडीआईएल पर बैंक अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर 4355 करोड़ रुपए घोटाले का आरोप है।
अब तक 5 लोगों को किया गया है गिरफ्तार
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पीएमसी बैंक घोटाले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ईओडब्ल्यू अब तक इस मामले में जमीन जायदाद का करोबार करने वाली निजी क्षेत्र की कंपनी एचडीआईएल समूह के प्रवर्तकों राकेश और सारंग वाधवान (पिता-पुत्र), बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह और पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के दौरान मुंबई में छापेमारी कर एचडीआईएल की संपत्तियां जब्त की थीं। घोटाले का भांडाफोड होने के बाद रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक के कारोबार पर छह महीने के लिए कई प्रकार की पाबंदियां लगा दी हैं, इसके ग्राहक इस दौरान एक तय सीमा से अधिक धन की निकासी नहीं कर सकते।
तीन आरोपी 23 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए
मुंबई की एक अदालत ने पीएमसी बैंक घोटाला मामले में बुधवार को हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राकेश वाधवन व उनके बेटे सारंग और बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को 23 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बैंक के कई खाताधारक अदालत के बाहर प्रदर्शन करके अपना पैसा जल्द से जल्द वापस दिलाए जाने की मांग कर रहे हैं। पीएमसी बैंक मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को बुधवार को महानगर मजिस्ट्रेट एस. जी. शेख के समक्ष पेश किया, बुधवार को तीनों की पुलिस हिरासत खत्म हो रही थी। मजिस्ट्रेट ने तीनों आरोपियों को 23 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पीएमसी बैंक में 4,355 करोड़ रुपए के घोटाले में वाधवन और उनके बेटे को 3 अक्टूबर और सिंह को 5 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
पीएमसी के प्रशासक ने रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की
जमाकर्ताओं की मौत तथा एक आत्महत्या की घटनाओं के बीच पीएमसी बैंक के प्रशासक ने बुधवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। रिजर्व बैंक द्वारा पिछले महीने पीएमसी बैंक के प्रशासक नियुक्त किये गये जे. बी. भोरिया ने कहा, 'यह आश्वासन दिया गया कि बैंक जमाकर्ताओं एवं अन्य संबंधित पक्षों के हितों की सुरक्षा के लिये बैंक सारे प्रयास करेगा।' उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बैंक वास्तविक तस्वीर पेश करने के लिये बैलेंस शीट में संशोधन कर रहा है और इसकी सूचना दी गयी। बैंक की एक जमाकर्ता डॉ निवेदिता बिजलानी ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद बैंक के एक अन्य जमाकर्ता संजय गुलाटी की हृदयाघात से मौत हो गयी थी। इसके एक ही दिन बाद फट्टोमल पंजाबी की भी मौत हो गयी। विज्ञप्ति में कहा गया, 'यह बताया गया कि बैंक वसूली योग्य गारंटियों के आकलन की प्रक्रिया तथा जारी फोरेंसिक ऑडिट में तेजी लाएगा।'