नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां भारतीय निवेश को लेकर व्यापक चिंता जताई जा रही है। ऐसे में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि इस युद्धग्रस्त देश में आगे बुनियादी ढांचा निवेश को जारी रखने के बारे में निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश मंत्री के साथ वहां के मौजूदा हालात पर विचार-विमर्श के बाद करेंगे।
गडकरी ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत ने कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पूरी की हैं। कुछ परियोजनाएं अभी लंबित हैं। पिछले महीने तालिबान ने अफगानिस्तान का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। तालिबान ने पश्चिम के समर्थन से बनी पिछली सरकार को अपदस्थ कर दिया था। मंत्री ने कहा, ‘‘हमने वहां बांध (सलमा बांध) बनाया है। हमने अफगानिस्तान में जल संसाधन जैसे क्षेत्रों में काम किया है। गडकरी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर इस बात पर फैसला करेंगे कि क्या भारत अब अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करेगा या नहीं।’’ गडकरी ने कहा, ‘‘एक मित्र देश के नाते हमारी अफगानिस्तान सरकार के अधिकारियों के साथ कुछ सड़कों के निर्माण के लिए बातचीत हुई थी। अच्छी बात यह है कि मैंने वहां सड़कों का निर्माण शुरू नहीं किया। वहां की स्थिति चिंता की बात है।’’ भारत ने अफगानिस्तान में विभिन्न बुनियादी ढांचा और सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं में तीन अरब डॉलर का निवेश किया है।
वहीं एसीओ की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत का रुख साफ करते हुए कहा है कि तालिबान सरकार को मान्यता देने में जल्दबाजी नहीं की जाए। उन्होने कहा कि सत्ता परिवर्तन बिना बातचीत के हुआ है। साथ ही मोदी ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की मदद करने को तैयार है और इस दिशा में किसी क्षेत्रीय या वैश्विक पहल का समर्थन करेगा।
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