प्रधानमंत्री ने सुधार लाने का साहस दिखाया, पिछली सरकारें दबाव में आगे नहीं बढ़ीं: कृषि मंत्री
कृषि मंत्री के मुताबिक ये कानून पहले आने चाहिए थे, लेकिन पहले की सरकार दबाव-प्रभाव में आगे नहीं बढ़ पाई। मोदी जी ने साहसपूर्वक कदम उठाया और दो नए कानून बनाए एवं एक कानून में संशोधन किया, जिन्हें संसद के दोनों सदनों ने मंजूरी दी।
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में सुधार लाने का साहस दिखाया और उन्होंने नए कृषि कानून बनाए। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए ये कानून लाभकारी साबित होंगे। केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहसपूर्वक नए कृषि सुधार कानून बनाए हैं। भारत सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधार किसानों के लिए काफी मददगार साबित होंगे और इनसे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठेगा।"
भारत सरकार द्वारा किए गए ऐतिहासिक कृषि सुधारों पर वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान द्वारा ग्रामीण स्वयंसेवी संस्थाओं के परिसंघ के सहयोग से आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि कृषि देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार है और संकट की घड़ी में ग्रामीण अर्थव्यवस्था से देश को मजबूती मिलती रही है। उन्होंने कहा, "कोविड संकट में भारत सरकार ने अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अनेक कदम उठाए गए हैं।" तोमर ने कहा, "खाद्यान्न में हमारा देश सरप्लस देश है, लेकिन कृषि क्षेत्र में असंतुलन भी है। बड़े व छोटे किसानों की परिस्थितियां भिन्न-भिन्न हैं, इसीलिए छोटे किसानों को सरकारी योजनाओं, सब्सिडी, एमएसपी, टेक्नोलॉजी, मार्केट लिंक आदि का लाभ देने के लिए सरकार ने अनेक उपाय किए हैं। कृषि सुधारों को लेकर लंबे समय तक कृषि विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, किसान संगठनों व अन्य विद्वानों ने काफी मंथन किया है।"
उन्होंने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में कमेटी भी बनी और काफी विचार-विमर्श के बाद कृषि क्षेत्र में कानूनी बदलाव लाने की जरूरत महसूस करते हुए ये नए कानून लाए गए हैं। तोमर ने कहा, "ये कानून पहले भी अपेक्षित थे, लेकिन पहले की सरकार दबाव-प्रभाव में आगे नहीं बढ़ पाई। मोदी जी ने साहसपूर्वक कदम उठाया और दो नए कानून बनाए एवं एक कानून में संशोधन किया, जिन्हें संसद के दोनों सदनों ने मंजूरी दी।" उन्होंने कहा, "ये कानून किसानों के लिए काफी मददगार सिद्ध होंगे। जब भी कोई अच्छी चीज होती है तो उसमें बाधाएं आती हैं। देशभर में यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी खत्म होने जा रही है, लेकिन सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि एमएसपी जारी रहेगी, बल्कि एमएसपी पर खरीद भी बढ़ाई गई है।"
उन्होंने कहा, "देश के कृषि बजट को 5 गुना से ज्यादा बढ़ाया गया है। वर्ष 2013-14 में कृषि बजट लगभग 27 हजार करोड़ रुपये था, जिसे चालू वित्तीय वर्ष में बढ़ाकर 1.34 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। आत्मनिर्भर भारत अभियान में घोषित एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्च र फंड से गांव-गांव पूंजी निवेश होगा, जिससे किसानों को काफी सहूलियत होगी, वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।"
कार्यक्रम को वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ. के.के. त्रिपाठी, फिक्की के पदाधिकारी आर.जी. अग्रवाल, कृषि विशेषज्ञ डॉ. अमिताभ कुंडू, डॉ. प्रवीण त्रिपाठी व रवींद्र धारिया, कॉन्फेडरेशन ऑफ हार्टिकल्चर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमेन डॉ. एच.पी. सिंह, ग्रामीण स्वयंसेवी संस्थाओं के परिसंघ के महासचिव बिनोद आनंद और प्रोफेसर डॉ. स्नेहा कुमारी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में सैकड़ों संस्थाओं के पदाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।