दिल्ली एनसीआर की सूरत बदलेगा यूपी का जेवर, जानिये क्यों खास है नया एयरपोर्ट
इस परियोजना का पहला चरण वर्ष 2024 तक 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से पूरा किया जाना है।
Highlights
- जेवर हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश का पांचवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा
- एयरपोर्ट और उसके आस पास जारी प्रोजेक्ट से लाखों लोगों को रोजगार
- हवाई अड्डे का पहला चरण 36 महीनों में पूरा किया जाना है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे। योजना के अनुसार पूरा होने पर जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। आकार और संभावनाओं को देखते हुए जेवर एयरपोर्ट को पूरे दिल्ली एनसीआर के लिये गेमचेंजर माना जा रहा है। आइये जाने आखिर क्यों इतना खास है नया एयरपोर्ट
क्या हैं जेवर एयरपोर्ट का खास बातें
जेवर हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश का पांचवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा, यह देश का पहला शुद्ध शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो एमिसन्स) एयरपोर्ट होगा
इस हवाई अड्डे को 36 महीनों में पूरा किया जाना है। 1300 हेक्टेयर से अधिक में फैली इस परियोदना से शुरुआती चरण की क्षमता 1.2 करोड़ यात्री सालाना होगी. 2050 तक इस एयरपोर्ट की क्षमता सालाना 10 करोड़ यात्रियों तक होने का अनुमान है।
योजना के मुताबिक इस एयरपोर्ट पर कुल 5 रनवे बनाये जाने हैं। इसके साथ एयरपोर्ट के साथ कई होटल, मेट्रो ट्रेन कॉरीडोर, फिल्म सिटी एवं अन्य इंफ्रा प्रोजेक्ट भी तैयार किये जायेंगे
कैसे मिलेगा क्षेत्र को नये एयरपोर्ट से फायदा
क्षेत्र से कनेक्टिविटी के लिये एयरपोर्ट से कई योजनायें जोड़ी जायेंगी ग्रेटर नोएडा के परी चौक से जेवर एयरपोर्ट के लिये मेट्रो सेवा होगी जिसकी मंजूरी दी जा चुकी है। ऐसे में जेवर एयरपोर्ट नोएडा ग्रेटर नोएडा मेट्रो के जरिये दिल्ली एनसीआर से जुड़ेगा।
जेवर हवाई अड्डे और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए ‘इंटरचेंज’ का निर्माण किया जाएगा। इसके निर्माण पर करीब 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं ईस्टर्न पेरीफेरल से भी हवाई अड्डे को जोड़ा जायेगा। इससे हवाई अड्डे का सड़क के जरिये संपर्क भी आसान होगा
कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ रूट के किनारे नये रिहायशी और कमर्शियल प्रोजेक्ट की भी योजना है। यमुना सिटी में 80 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। होटल, मोटल, लेजर प्लाजा, शॉपिंग सेंटर और कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए स्कीम निकालने की तैयारी।
इसके साथ ही जेवर हवाई अड्डा दिल्ली हावड़ा रेलमार्ग से भी जुड़ेगा। इससे उत्तर भारत से निर्यात में तेजी लाई जा सकेगी।
लोगों को क्या मिलेगा फायदा
जेवर एयरपोर्ट का फायदा यात्रियों, कारोबारियों और क्षेत्र के निवासियों तीनों को ही मिलने जा रहा है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर बढ़ता ट्रैफिक और दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों से दूरी की वजह से नये एयरपोर्ट से बड़ी संख्या में यात्रियों को फायदा मिलेगा। ट्रैफिक दो जगह बंटने से उड़ानों को ज्यादा बेहतर तरीके से ऑपरेट किया जा सकेगा, साथ ही कई नई उड़ानें भी संचालित की जा सकेंगी।
नये एयरपोर्ट पर कार्गो ट्रैफिक पर फोकस है। एयरपोर्ट डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से कनेक्ट किया जायेगा। साथ ही ये दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा सरकार कृषि उत्पादों को तेजी से लाने ले जाने के लिये एयरपोर्ट के साथ कई अन्य सुविधायें भी विकसित कर रही है। इससे कारोबारियों को अपने माल को तेजी के साथ भेजने या पाने में मदद मिलेगी। इससे उनका वक्त और पैसा दोनो ही बचेगा।
एयरपोर्ट के निर्माण से क्षेत्रीय निवासियों का काफी फायदा होने जा रहा है। एयरपोर्ट और उसके आस पास जारी प्रोजेक्ट से करीब 1 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। वहीं अप्रत्यक्ष तरीके से इससे कई गुना ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं एयरपोर्ट बनाने के लिए 2,378 एकड़ की जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। राज्य सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करना चाहती है, लिहाजा जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को आसान बनाया गया है, जिससे जेवर में जमीन धारकों को ज्यादा वित्तीय मुनाफा होगा। नये प्रोजेक्ट से क्षेत्र में जमीन की कीमतों में तेजी देखने को मिलेगी, इससे क्षेत्र को लोगों को काफी फायदा मिलेगा।