नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह मध्यप्रदेश के रीवा में एशिया के सबसे बड़े सौर संयंत्र का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन करेंगे। संयंत्र की क्षमता 750 मेगावट बिजली उत्पादन की है। यह संयंत्र रीवा जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर गुढ़ में 1590 एकड़ में फैला हुआ है। इसी साल जनवरी में 750 मेगावाट की क्षमता के साथ यहां बिजली उत्पादन शुरू हो गया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी से समय नहीं मिलने की वजह से इसका लोकार्पण नहीं हो पाया था। यह परियोजना रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड, एमपी ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड और भारत के सौर ऊर्जा निगम का एक संयुक्त उद्यम है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस परियोजना में एक सौर पार्क के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर भूमि पर 250-250 मेगावाट की तीन सौर उत्पादन इकाइयां शामिल हैं। यह परियोजना सालाना लगभग 15 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी।
रीवा परियोजना को भारत और विदेशों में इसकी ठोस परियोजना संरचना और इनोवेशन के लिए जाना जाता है। इस के लिए इसे वर्ल्ड बैंक ग्रुप प्रेसिडेंट अवॉर्ड भी मिला है। इसे प्रधानमंत्री की 'अ बुक ऑफ इनोवेशन : न्यू बिगनिंग्स' पुस्तक में भी शामिल किया गया है। यह परियोजना राज्य के बाहर एक संस्थागत ग्राहक को आपूर्ति करने वाली पहली अक्षय ऊर्जा परियोजना भी है। इस परियोजना से दिल्ली मेट्रो को कुल उत्पादन का 24 प्रतिशत, जबकि शेष 76 प्रतिशत बिजली मध्य प्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों को आपूर्ति की जाएगी।
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