नई दिल्ली। भारत पर आर्थिक मंदी का वास्तविक खतरा मंडरा रहा है और इस नुकसान के लिए लापरवाही भरे निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अकेले जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने यह बात कही है। उन्होंने मांग की है कि सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में एक श्वेत पत्र जारी करे और निर्बाध गिरावट को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों को बताए।
उन्होंने कहा, यह बहुत ही चिंता की बात है कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से गहरी गिरावट की ओर जा रही है तथा निकट भविष्य में इसके उबरने के कोई आसार नहीं हैं। अर्थव्यवस्था के सभी मूलभूत कारकों में निरंतर गिरावट आ रही है। कांग्रेस नेता ने कहा, भारत के आर्थिक मंदी में जाने का वास्विक खतरा मंडरा रहा है। सरकार को भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, तत्काल पुन:पूंजीकरण के जरिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति में सुधार लाना चाहिए। साथ ही सरकार को इस गिरावट को थामने के लिए उपायों को भी बताना चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर देश के युवाओं के साथ विश्वसाघात करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने प्रति वर्ष एक करोड़ नौकरी का वादा किया था किन्तु वह न केवल नौकरी सृजित करने में नाकाम रही बल्कि उसकी गैर-जिम्मेदाराना एवं गलत नीतियों की वजह से वह लोगों की नौकरियों को खत्म करने के लिए जिम्मेदार है।
शर्मा ने आरोप लगाया, प्रधानमंत्री मोदी नोटबंदी एवं जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण जीएसटी लागू कराने सहित अपने लापरवाही भरे निर्णयों के कारण अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए अकेले जिम्मेदार हैं। घातक रूप से जीएसटी लागू करने के कारण उद्योग, छोटे उद्यमी एवं व्यापारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
अनौपचारिक क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है, छोटे उद्योग का काम धंधा बंद हो रहा है, जिससे अधिक लोग बेरोजगार हो रहे हैं और कर-आतंकवाद को खुला छोड़ दिया गया है क्योंकि कारोबारियों को इनपुट क्रेडिट का रिफंड नहीं किया जा रहा है।
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