हांगझोउ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्यधिक बैंकिंग गोपनीयता खत्म करने के लिए जी20 के सदस्य देशों का आह्वान करते हुए आज साफ किया कि प्रभावी वित्तीय संचालन के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ पहल करने के वास्ते पूर्ण प्रतिबद्धता और आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह खत्म करने की जरूरत है।
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उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह खत्म करने, धन शोधन करने वालों की तलाश और उनका बिना शर्त प्रत्यर्पण करने, जटिल अंतरराष्ट्रीय नियमों के जाल को तोड़ने तथा अत्यधिक बैंकिंग गोपनीय खत्म करने के लिए प्रयास करने की जरूरत है जो भ्रष्टाचार और उनके कारनामों पर पर्दा डालते हैं।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विटर पर जारी कई संदेशों में प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), क्षेत्रीय वित्तीय व्यवस्था एवं द्विपक्षीय अदला-बदली व्यवस्थाओं के बीच हमें निरंतर वार्ता की जरूरत है। वित्तीय स्थिरता बोर्ड जैसी महत्वपूर्ण प्रणालियों को अपने मुख्य कामों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
मोदी ने कहा, आईएमएफ को कोटा आधारित संस्थान बने रहना चाहिए और उसे उधार पर लिए गए संसाधनों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। साथ ही प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि लंबे समय से अटकी कोटा की 15वीं आम समीक्षा 2017 की सालाना बैठकों तक पूरी हो जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, भारत को अपने विकास को समर्थन प्रदान करने के लिए उर्जा की जरूरत है। परमाणु, नवीकरणीय उर्जा और जीवाश्म ईंधन का संतुलित मिश्रण हमारी नीति का केंद्र है।
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