लंदन। भारत का पहला लो इनकम स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर इक्विटी पार्टनरशिप (नीव फंड) यहां शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया। इस मौके पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन भी उपस्थित थे। इस फंड में यूके डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल डेवलपमेंट और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया संयुक्त रूप से निवेश करेंगे। दोनों प्रधानमंत्रियों ने सतत विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को महत्वपूर्ण बताया।
इस फंड का उद्देश्य वारट एंड सेनीटेशन, क्लीन एनर्जी और अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर में स्मॉल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए इक्विटी पार्टनरशिप उपलब्ध कराना है। एसबीआई के चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि इस फंड से देश के आठ लो इनकम राज्यों के स्मॉल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश किया जाएगा। यह फंड स्मॉल प्रोजेक्ट्स को फंड जुटाने में मदद करेगा और लंबी अवधि में यह देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
एनर्जी और जलवायु परिवर्तन पर 3.2 अरब पाउंड का सौदा
पैरिस क्लाइमेट समिट से पहले भारत और ब्रिटेन एनर्जी और जलवायु परिवर्तन पर एक कॉम्प्रेहेन्सिव पैकेज के लिए सहमत हो गए हैं, जिसमें 3.2 अरब पाउंड की कमर्शियल सौदे भी शामिल हैं। यूके एनर्जी और जलवायु परिवर्तन सेक्रेटरी अंबेर रूड ने कहा कि यूके और भारत एनर्जी पर साथ मिलकर काम करेंगे। रिसर्च और इन्नोवेशन में दोनों देश अपने अनुभव साझा करेंगे।
इस पैकेज में 3.2 अरब पाउंड के कमर्शियल समझौते शामिल हैं, जिसमें संयुक्त रिसर्च प्रोग्राम और टेक्नीकल, साइंटीफिक तथा फाइनेंशियल और पॉलिसी एक्सपर्टीज को साझा करने वाले कार्यक्रम शामिल हैं। इस पैकेज के तहत ब्रिटेन ने ग्रीन इन्वेस्टमेंट बैंक के साथ यूके क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट ज्वाइंट वेंचर की भी घोषणा की है। यह भारत और अफ्रीका में रिन्यूएबल एनर्जी और एनर्जी एफीसिएंशी पर 20 करोड़ पाउंड का निवेश करेगा।
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