6 करोड़ किसानों को मिला नए साल का तोहफा, पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि की तीसरी किस्त की जारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय कर्नाटक दौरे के दौरान आज तुमकुर में जनसभा को संबोधित किया।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 करोड़ किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत तीसरी किस्त जारी करते हुए कहा कि नए वर्ष, नए दशक की शुरुआत में, देश के अन्नदाता-हमारे किसान भाई-बहनों के दर्शन होना, मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। मैं 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से, देश के हर किसान को नए वर्ष की शुभकामनाएं देता हूं, देश के लिए अन्न उपजाने वाले किसानों का आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा कि देश में एक वो दौर भी था जब देश में गरीब के लिए एक रुपए भेजा जाता था तो सिर्फ 15 पैसे पहुंचते थे। बाकी के 85 पैसे बिचौलिए मार जाते थे। आज जितने भेजे जा रहे हैं, उतने, पूरे के पूरे सीधे गरीब के खाते में पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं, आज अभी, इस कार्यक्रम में ही एक साथ देश के 6 करोड़ किसान परिवारों के खाते में 12 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं।
मोदी ने कहा कि दशकों से लटकी सैकड़ों सिंचाई परियोजनाएं हों, फसल बीमा से जुड़े नियमों में बदलाव हो, सॉयल हेल्थ कार्ड हो या फिर यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग, हमने हमेशा किसानों के हितों को प्राथमिकता दी। पीएम मोदी ने यहां जनसभा को भी संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश किया है। आपको याद होगा कि बीते दशक की शुरुआत किस तरह के माहौल से हुई थी। लेकिन 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उम्मीदों की, आकांक्षाओं की मजबूत नींव के साथ शुरू हुआ है।
देश में सीएए को लेकर हो रहे विरोध पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर आपको नारे लगाने ही हैं तो पाकिस्तान में जिस तरह अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, उसे जुड़े नारे लगाइए। अगर आपको जुलूस निकालना ही तो पाकिस्तान से आए हिंदु-दलित-पीडि़त-शोषितों के समर्थन में जुलूस निकालिए।
उन्होंने कहा कि जो लोग आज भारत की संसद के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि आज जरूरत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की इस हरकत को बेनकाब करने की है। अगर आपको आंदोलन करना ही है तो पाकिस्तान के पिछले 70 साल के कारनामों के खिलाफ आवाज उठाइए।
मोदी ने कहा कि आज हर देशवासी के मन में सवाल है कि जो लोग पाकिस्तान से अपनी जान बचाने के लिए, अपनी बेटियों की जिंदगी बचाने के लिए यहां आए हैं, उनके खिलाफ तो जुलूस निकाले जा रहे हैं लेकिन जिस पाकिस्तान ने उनपर ये जुल्म किया, उसके खिलाफ इन लोगों के मुंह पर ताले क्यों लगे हुए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पूज्य स्वामी श्री श्री शिवकुमार जी की भौतिक अनुपस्थिति हम सभी महसूस करते हैं। मैंने तो साक्षात अनुभव किया है कि उनके दर्शन मात्र से ही जीवन ऊर्जा से भर जाता था। उनके प्रेरक व्यक्तित्व से, ये पवित्र स्थान दशकों से समाज को दिशा देता रहा है।
दिसंबर 2019 से मार्च 2020 के लिए इस योजना से 6 करोड़ लाभार्थियों को फायदा मिल सकेगा। पहले दो किस्त में देशभर के एक करोड़ से अधिक किसानों के लिए करीब 2 हजार करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इस योजना के तहत हर चार महीने में प्रत्येक लाभार्थी को 2000 रुपए उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। प्रधानमंत्री 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थियों को इसका प्रमाण पत्र भी सौंपा। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने इस स्कीम को शुरू किया था, जिसके जरिए किसानों को 6 हजार रुपए सालाना की मदद मिलती है।
पांच 'डीआरडीओ यंग साइंटिस्ट लैब' का भी करेंगे उद्घाटन
दो दिवसीय कर्नाटक दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच डीआरडीओ युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं का उद्घाटन करेंगे। एक बयान के अनुसार यह कदम रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए है। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार दो जनवरी 2020 को पांच डीआरडीओ युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
किसान परिवार को सीधे मिलते हैं 6000 रुपए
पीएम-किसान सम्मान निधि में एक किसान परिवार को सालाना 6,000 रुपए सीधे हस्तांतरित किया जाता है। तीन किस्तों में इस राशि का भुगतान किया जाता है और प्रत्येक किस्त की राशि 2,000 रुपए होती है। किसानों को इस योजना का लाभ पिछले साल दिसंबर महीने से ही दिया जा रहा है। मगर, किसान जब इस योजना से जुड़ते हैं और इसके तहत अपना पंजीकरण करवाते हैं, उसी समय से उनको योजना का लाभ मिलता है। ऐसे में पश्चिम बंगाल के किसान अब तक तीन किस्तों यानी 6,000 रुपए का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं। केंद्र सरकार ने 29 दिसंबर तक करीब 9.2 करोड़ किसानों का डाटा संग्रह किया है। उत्तर प्रदेश में कुल 2.4 करोड़ किसान हैं, जिनमें से 2 करोड़ किसानों का डाटा संग्रह किया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट में इस डायरेक्ट-बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम की घोषणा की थी।