नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की सोमवार को हुई शिखर वार्ता के बाद भारत और जापान ने एक हाई स्पीड रेल परियोजना और नौसेना सहयोग समेत 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किए तथा टू प्लस टू वार्ता करने पर सहमति जताई। शिखर वार्ता में दोनों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र के हालात समेत विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। भारत का इस तरह का अमेरिका से समझौता है और दोनों ने पिछले महीने नई दिल्ली में टू प्लस टू वार्ता का पहला दौर आयोजित किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने वार्ता के बाद कहा, ‘‘हम दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि डिजिटल साझेदारी से लेकर साइबर क्षेत्र, स्वास्थ्य, रक्षा, समुद्र से अंतरिक्ष तक, हर क्षेत्र में हम अपनी भागीदारी को मजबूत करेंगे।’’
भारत और जापान ने आपस में 75 अरब डॉलर के बराबर विदेशी मुद्रा की अदला-बदली की व्यवस्था का करार किया है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि जापान के साथ तरह की सुविधा से रुपये की विनिमय दर तथा पूंजी बाजारों में बड़ी स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी। इस समझौते से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और प्रगाढ़ होगा तथा इसमें विविध बढ़ेगी।
जापान की यात्रा पर गए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच शिखर स्तर की बातचीत के बाद भारत-जापान की साझा सोच पर जारी वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘वित्तीय तथा आर्थिक सहयोग बढ़ाने के दृष्टिकोण से जापान और भारत की सरकारें 75 अरब डॉलर के द्विपक्षीय मुद्रा अदला-बदली समझौते (बीएसए) पर सहमति का स्वागत करती हैं।’’
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘अदला-बदली समझौते से भारत विदेशी विनिमय और पूंजी बाजारों में बड़ी स्थिरता आएगी...इस सुविधा के तहत भारत को जापान से उक्त राशि के बराबर विदेशी पूंजी इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी।’’
दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की संभावना को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले चार साल में हासिल उल्लेखनीय उपलब्धियों की समीक्षा की।
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