पीएम फसल बीमा योजना पर किसानों का भरोसा, स्वैच्छिक होने पर भी 3% बढ़ा कवरेज
देशभर में बीमित क्षेत्र अभी तक महज 30 फीसदी है जिसे बढ़ाकर 50 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है। सबसे ज्यादा फसल बीमित करने वाला राज्य कर्नाटक है जहां के किसानों की 40 से 50 फसलें बीमित होती हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के प्रति देश के किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है। इसका पता इस बात से चलता है कि पीएमएफबीवाई को किसानों के लिए स्वैच्छिक किए जाने के बावजूद योजना के तहत बीमित रकबा पिछले साल से करीब तीन फीसदी बढ़ गया है। हालांकि, देशभर में बीमित क्षेत्र अभी तक महज 30 फीसदी है जिसे बढ़ाकर 50 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ डॉ. आशीष भुटानी ने कहा कि इस योजना के तहत अभी रबी और खरीफ सीजन में बोई जाने वाली फसलों को मिला कुछ बीमित क्षेत्र अभी महज 30 फीसदी है, जिसमें उन राज्यों का रकबा भी शामिल है जो अभी पीएमएफबीवाई से बाहर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पहला पायदान 50 फीसदी करने का लक्ष्य है और कुछ राज्य जो बाहर हो गए हैं वो अगर बाहर नहीं होते तो अगले एक-दो साल में यह आंकड़ा कम से कम 40 फीसदी तक पहुंच जाता।
बिहार और पश्चिम बंगाल पहले से ही पीएमएफबीवाई से बाहर हैं। इसके अलावा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, झारखंड और गुजरात भी इस योजना से बाहर हो गए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि किसानों की दिलचस्पी इस योजना की ओर बढ़ रही है और योजना के स्वैच्छिक किए जाने के बावजूद बीमित क्षेत्र में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि खरीफ-2019 के मुकाबले खरीफ-2020 में पीएमएफबीवाई के तहत कवरेज तीन फीसदी बढ़ा है जबकि 2020 से यह योजना किसानों के लिए स्वैच्छिक है। डॉ. भुटानी ने कहा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रचार-प्रसार कर इसके प्रति किसानों में जागरूकता फैलाने की दिशा में प्रयास जारी है और हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा किसान उठा पाएंगे। उन्होंने कहा जो राज्य इस योजना से बाहर हैं उनके अपने कारण हैं, लेकिन जो राज्य जुड़े हैं उनमें कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश और ओडिशा में करीब 50 से 60 फीसदी बीमित क्षेत्र है और इन राज्यों के किसान योजना का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा फसल बीमित करने वाला राज्य कर्नाटक है जहां के किसानों की 40 से 50 फसलें बीमित होती हैं।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आरंभ की गई थी। इस योजना के तहत किसानों को काफी कम प्रीमियम पर बीमा कवर प्रदान की जाती है। योजना के प्रीमियम का बाकी अंश सरकार द्वारा दिया जाता है जिसमें केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार का भी योगदान होता है।