नयी दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि देश में चल रही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था पूरी तरह से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) नियमों के अनुरूप है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शांति उपबंध की अभी व्यवस्था है। यह व्यवस्था सार्वजनिक खरीद उद्देश्य के लिये है। इसके तहत हमें बाजार से खरीदने की अनुमति है। हम जिस एमएसपी व्यवस्था को चला रहे हैं, वह डब्ल्यूटीओ नियमों के अनुरूप है।’’
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मंत्री से यह पूछा गया था कि क्या एमएसपी डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुरूप है, क्योंकि विश्व व्यापार संगठन के कुछ सदस्य देशों ने आरोप लगाया है कि भारत में जो एमएसपी व्यवस्था चल रही है, वह बाजार को बिगाड़ने वाली है और सरकार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से कहा है कि एमएसपी प्रणाली बनी रहेगी। विश्व व्यापार नियम के तहत डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश का खाद्य सब्सिडी बिल 1986-88 के संदर्भ मूल्य के आधार पर 10 प्रतिशत उत्पादन मूल्य से अधिक नहीं होना चाहिए।
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डब्ल्यूटीओ में अस्थायी व्यवस्था के रूप में शांति उपबंध (पीस क्लॉज) का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत व्यवस्था दी गई है कि कोई भी विकासशील देश यदि 10 प्रतिशत से ज़्यादा सब्सिडी देता है तो कोई अन्य देश इस बात पर आपत्ति नहीं करेगा और उसे चुनौती नहीं देगा। यह व्यवस्था तबतक के लिये है, जबतक खाद्य भंडारण मामले का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल लिया जाता। इस मामले में वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा कि भारत की सब्सिडी डब्ल्यूटीओ सीमा के भीतर है और विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में सब्सिडी कम है।
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