नई दिल्ली। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, जिसमें भारत का पहला 14 लेन हाईवे और 2.5 मीटर साइकल ट्रैक शामिल है, का पहला चरण अगले महीने पूरा हो जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को बताया कि यह पहला चरण अपने निर्धारित 30 माह के समय के विपरीत रिकॉर्ड 14 महीने में पूरा होने जा रहा है। पूरा बनने के बाद, एक्सप्रेस-वे दिल्ली और मेरठ के बीच लगने वाले समय यात्रा को घटाकर 45 मिनट कर देगा, जो अभी 3-4 घंटे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 दिसंबर 2015 को इस 7,566 करोड़ रुपए वाले एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी थी। गडकरी ने कहा कि एक्सप्रेस-वे के पहले चरण- निजामुद्दीन से दिल्ली-उप्र बॉर्डर- का 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट, जिसके बीच में 6 लेन एक्सप्रेस-वे और दोनो तरफ 4-लेन हाईवे है, दिल्ली में प्रदूषण को कम करने में भी मदद करेगा।
8.7 किलोमीटर लंबे पहले चरण में यमुना पुल पर वर्टीकल गार्डेन को विकसित करना, सोलर सिस्टम लाइटिंग और पौधों की सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था करना भी शामिल है। एक्सप्रेस-वे का प्रवेश द्वार कॉमन वेल्थ गांव के नजदीक होगा जबकि निकास द्वार अक्षरधाम और गाजीपुर पर होंगे। अधिकारियों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के लिए 495 झुग्गियों को पुर्नस्थापित किया गया है और 3261 पेड़ों को हटाने के बदले 40,000 पौधों को रोपा गया है।
दूसरे चरण में दिल्ली-यूपी बॉर्डर से डासना तक 19.28 किलोमीटर के हिस्से पर काम होगा, जिसमें 6 लेन एक्सप्रेस-वे और 8 लेन हाईवे शामिल है। तीसरे चरण में डासना से हापुड़ तक 22.7 किलोमीटर लंबे एनएच-24 को छह लेन का बनाने का काम होगा। चौथे चरण में डासना से मेरठ तक 31.70 किलोमीटर लंबा नया मार्ग विकसित किया जाएगा।
Latest Business News