Biggest deal in pharma: फाइजर खरीदेगी अलेरगन को, 160 अरब डॉलर में होगा सौदा
Pharma इंडस्ट्री का यह अभी तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण सौदा होगा और इसके बाद फाइजर दुनिया की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी बन जाएगी।
नई दिल्ली। वियाग्रा और लिपीटोर की निर्माता कंपनी फाइजर इंक ने बोटोक्स निर्माता कंपनी अलेरगन को खरीदने का समझौता किया है। इस सौदे की कुल वैल्यू 160 अरब डॉलर बताई जा रही है। Pharma इंडस्ट्री का यह अभी तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण सौदा होगा और इसके बाद फाइजर दुनिया की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी बन जाएगी। इस सौदे से फाइजर को अपना लीगल बेस आयरलैंड स्थानांतरित करने की अनुमति मिल जाएगी, जिससे वह अपना टैक्स बोझ भी कम कर पाएगी।
दोनों कंपनियों ने सोमवार को संयुक्त बयान जारी कर इस सौदे की घोषणा की। बयान में बताया गया कि फाइजर के चीफ एग्जीक्यूटिव इयान रीड नई कंपनी के सीईओ होंगे, जबकि अलेरगन के सीईओ ब्रेंट साउंडर्स नई कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी संभालेंगे। न्यूयॉर्क स्थित फाइजर और अलेरगन, जिनके मुख्यालय आयरलैंड में हैं, ने कहा कि अलेरगन के शेयरहोल्डर्स को प्रति शेयर के बदले नई संयुक्त कंपनी में 11.3 शेयर दिए जाएंगे। फाइजर के शेयरहोल्डर्स को दो विकल्प दिए जाएंगे। पहले विकल्प में शेयरहोल्डर को प्रत्येक फाइजर शेयर के बदले नई कंपनी में एक शेयर दिया जाएगा, दूसरा विकल्प कैश का होगा। इस सौदे से जुड़े टैक्स मुद्दे बहुत जटिल हैं। यूएस कॉरपोरेट टैक्स की दर 35 फीसदी है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है, वहीं इसकी तुलना में आयरलैंड में टैक्स रेट 12.5 फीसदी है।
यह सौदा 2016 की दूसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है। फाइजर ने कहा है कि नई संयुक्त कंपनी अलेरगन की आइरस पहचान को बनाए रखेगी। यूएस ट्रेजरी को टैक्स रेवेन्यू कम होने की चिंता है और वह टैक्स मुद्दे पर कुछ बातचीत भी कर सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम फाइजर को अपने गृहदेश में शिफ्ट होने से रोकने में ज्यादा कारगर नहीं होगा। इस सौदे के लिए दोनों कंपनियों के बीच एक माह पहले बातचीत शुरू हुई थी। वियाग्रा और कोलेस्ट्राल दवा लिपीटोर के अलावा फाइजर की प्रमुख दवाओं में नसों के दर्द की दवा लीरिका और निमोनिया की दवा प्रेवनार शामिल हैं। अलेरगन को इसके एंटी-रिंकल ट्रीटमेंट बोटोक्स के लिए जाना जाता है, इसके अलावा यह अलजाइमर की दवा नामेंडा और ड्राई-आई दवा रेस्टासिस भी बनाती है। फाइजर और अलेरगन का बिजनेस अलेरगन पीएलसी के अंतर्गत आएगा, जिसका नाम फाइजर पीएलसी होगा।