नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय ने पेट्रोल पंप मालिकों के एक वर्ग द्वारा रविवार को पेट्रोल पंप बंद रखने के फैसले पर आपत्ति जताई है। इनमें से ज्यादातर पेट्रोल पंप दक्षिण भारत के हैं। मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के कदम से आम जनता को असुविधा होगी।
मंत्रालय ने कहा कि भारतीय पेट्रोलियम डीलरों के गठजोड़ ने अपने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक दिन ईंधन इस्तेमाल न करने की अपील का सहारा लिया है। मंत्रालय ने कहा कि इस अपील का मकसद ईंधन संरक्षण से है यह इसलिए नहीं है कि पेट्रोल पंप मालिक पेट्रोल पंप बंद रखें।
Hon PM in #MannKiBaat appealed to People of India not to use fuel once a week & not to dealers to close their pumps on Sundays @dpradhanbjp
— Petroleum Ministry (@PetroleumMin) April 19, 2017
ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन पहले ही कह चुका है कि वह एक दिन पेट्रोल पंप बंद रखने की प्रक्रिया में शामिल नहीं है। एसोसिएशन का दावा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के 53,224 पेट्रोल पंप उसके सदस्य हैं। दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ हिस्सों (ज्यादातर बेंगलुर के आसपास) और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से विशेषरूप से मुंबई में 14 मई से प्रत्येक रविवार को पेट्रोल पंप मालिक पेट्रोल पंप बंद रख सकते हैं। पेट्रोल पंप मालिक पेट्रोल और डीजल पर ऊंचे कमीशन की मांग कर रहे हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने कई ट्वीट कर कहा है कि वह डीलरों के एक वर्ग द्वारा रविवार को पेट्रोल पंप बंद रखने के फैसले के पक्ष में नहीं है। इस तरह की पेट्रोल पंप बंदी से आम जनता को काफी असुविधा होगी। इन ट्वीट को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रि ट्वीट किया है। इनमें यह भी कहा गया है कि प्रमुख डीलर एसोएिशन इस फैसले के साथ नहीं हैं।
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