नई दिल्ली। जल्द ही सरकार ऐसी योजना लॉन्च करने जा रही है जिसके तहत बायोगैस प्लांट में गैस तैयार करके सरकार को बेचा जा सकेगा। पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पहली अक्तूबर को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ऑयल कंपनियों के साथ मिलकर सस्ते परिवहन के लिए टिकाऊ विकल्प के तौर पर SATAT नाम की योजना लॉन्च करेंगे।
कॉम्प्रेस्ड बायोगैस को सरकार खरीदेगी
इस योजना के जरिए शहरी और ग्रामीण इलाकों में क्षमतावान आंत्रप्रेन्योर्स को कॉम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इन प्लांट्स में तैयार होने वाली कॉम्प्रेस्ड बायोगैस को सरकार खरीदेगी और उसका इस्तेमाल वाहनों के ईंधन के तौर पर करेगी। इस योजना के जरिए सरकार सस्ता वाहन ईंधन तो मुहैया कराएगी ही साथ में कृषि अवषेशों का सही इस्तेमाल होगा और पशु मल तथा शहरी कचरे का इस्तेमाल भी हो सकेगा। इससे किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक और स्रोत मिलेगा।
2025 तक 5000 प्लांट्स लगाने की योजना
पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक योजना के जरिए सिलसिलेवार कुल 5000 कॉम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाए जाएंगे, 2020 तक 250 प्लांट लगाए जाने का लक्ष्य है जबकि 2022 तक 1000 प्लांट का लक्ष्य रखा गया है। 2025 तक सभी 5000 प्लांट्स लगाने की योजना है। इन प्लांट्स में तैयार होने वाली गैस को सिलेंडरों में भरकर ऑयल मार्केटिंग कंपनी के स्टेशन तक पहुंचाया जाएगा, इसके बाद इस गैस को मौजूदा कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) की तरह वाहन ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
सालाना 1.5 करोड़ टन गैस मिलने का लक्ष्य
पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक कुल 5000 कॉम्प्रेस्ड बायोगैस स्टेशनों से सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन गैस मिलेगी जो मौजूदा समय में इस्तेमाल हो रही CNG का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है। देश में मौजूदा समय में सालाना लगभग 4.4 करोड़ टन CNG का इस्तेमाल वाहन ईंधन के तौर पर होता है। इस योजना में सरकार लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपए निवेश करेगी और इससे लगभग 75000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। साथ में फसलों के लिए लगभग 5 करोड़ टन बायो खाद भी मिलेगी।
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