इंदौर। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) वसूलने या न वसूलने के बारे में हालांकि जीएसटी परिषद को फैसला करना है, लेकिन देश के सभी राज्यों में इन उत्पादों के मूल्यों में एकरूपता के लिए Industry चाहती है कि इन्हें GST वसूली के दायरे में लाया जाए।
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सरकार ने अभी नहीं किया है इस बारे में फैसला
- प्रधान ने कहा, पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी वसूली के दायरे में लाने के सवाल के जवाब में फिलहाल हम हां और ना, दोनों की स्थिति में हैं।
- यह विषय GST काउंसिल के सामने है। केंद्र और राज्यों के बीच इस पर चर्चा होगी।
- फिलहाल जीएसटी में प्रस्ताव है कि पेट्रोलियम पदार्थों को इस कर प्रणाली में शून्य कर के साथ रखा जाए।
- उद्योग जगत का कहना है कि इन पदार्थों पर भी GST की वसूली होनी चाहिये, ताकि आने वाले दिनों में देशभर में इनके मूल्य एक जैसे हो सकें।
- उद्योगपतियों का मानना है कि सभी सूबों में इन पदार्थों के मूल्यों में एकरूपता आने से न केवल उनके कारोबार में इजाफा होगा, बल्कि राज्यों को भी इसका फायदा होगा।
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पेट्रोलियम मंत्री ने कहा
मामले से संबंधित पक्ष GST काउंसिल के सामने अपनी बात रखेंगे कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में शामिल किया जाए।
देश के अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर कर वसूली को लेकर बड़े अंतर के बारे में पूछे जाने पर पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, यह राज्यों का विषय है कि वे किसी खास वस्तु पर कितना कर वसूलते हैं। हम कर वसूली को लेकर उन पर अपना कोई फैसला लाद नहीं सकते।
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