नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी होने से इसका असर उपभोक्ताओं पर भी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सर्दियां खत्म होते ही तेल की कीमतों में कमी आएगी। प्रधान ने कहा कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत रिकॉर्ड ऊचांई पर पहुंचने के पीछे अंतरराष्ट्रीय कारण हैं। मांग बढ़ने के कारण दाम ऊंचे हैं। सर्दियों में अक्सर ऐसा होता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही कीमत कम होगी।
इससे पहले गुरुवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि था कि ईंधन के दाम में लागत बढ़ाने वाले कारक हैं, इस मामले में केन्द्र और राज्यों को मिलकर ईंधन के दाम में करों को कम करने के समन्वित कदम उठाने की जरूरत है।
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वित्त मंत्री ने भी की टैक्स घटाने की वकालत
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल और डीजल पर करों को कम करने के लिए आपस में बात करनी चाहिए। हाल के समय में वाहन ईंधन कीमतें ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं पर बढ़े दामों के बोझ को कम करने के लिए केंद्र और राज्यों को बात करनी चाहिए।
सीतारमण ने कहा कि केंद्र और राज्यों दोनों को ईंधन पर केंद्रीय और राज्य करों को कम करने के लिए बातचीत करनी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र उपभोक्ताओं को ऊंची कीमतों से राहत के लिए उपकर या अन्य करों को कम करने पर विचार कर रहा है, सीतारमण ने कहा कि इस सवाल ने उन्हें ‘धर्म-संकट’ में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि यह तथ्य छिपा नहीं है कि इससे केंद्र को राजस्व मिलता है। राज्यों के साथ भी कुछ यही बात है। मैं इस बात से सहमत हूं कि उपभोक्ताओं पर बोझ को कम किया जाना चाहिए।
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