पेट्रोल पंप को 41.36 रुपये में मिलता है पेट्रोल, फिर आप क्यों पड़वाते है इतना महंगा?
क्या आप जानते हैं कि जब दिल्ली के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल पहुंचता है तब उसकी कीमत मात्र 41.36 रुपये ही होती है।
पेट्रोल की महंगाई की जितनी मार बीते एक साल में पड़ी है, उतनी कभी नहीं हुई। एक साल में पेट्रोल 21 रुपये से ज्यादा महंगा हो चुका है। आज दिल्ली में पेट्रोल के दाम 101.54 रुपये पहुंच चुके हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब दिल्ली के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल पहुंचता है तब उसकी कीमत मात्र 41.36 रुपये ही होती है। सिर्फ पेट्रोल पंप पर आने और आपकी गाड़ी की टंकी में पहुंचने तक कीमत में 60 रुपये से ज्यादा का इजाफा हो जाता है।
इंडियन आयल की वेबसाइट के मुताबिक जब पेट्रोल पंप पर तेल पहुंचने के बाद उसमें एक्साइज ड्यूटी, राज्य सरकार के वैट, डीलर कमीशन आदि का तड़का लग जाता है। टैक्स की यह मार पेट्रोल की मूल कीमत के डेढ़ गुना से भी अधिक है। साधारण शब्दों में समझें तो आपको 41 रुपये के पेट्रोल पर 60 रुपये की ड्यूटी, वैट और कमीशन देना पड़ जाता है। कोरोना संकट के दौरान जनकल्याण की योजनाएं चलाते हुए केंद्र और राज्य की तिजोरी खाली हो गई है। ऐसे में लोगों से पेट्रोल डीजल पर टैक्स वसूलना ही सरकारों का एक मात्र सुलभ जरिया रह गया है।
क्या है टैक्स का गणित
इंडियन आयल की वबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार तेल डिपो से पेट्रोल पंप को 41 रुपये प्रति लीटर की दर्ज से पेट्रोल मिलता है। इस पर परिवहन लागत 36 पैसे प्रति लीटर आती है। ऐसे में पेट्रोल पंप पर आते आते पेट्रोल की कीमत 41.36 रुपये हो जाती है। इसके बाद शुरू होता है टैक्स का खेल। सरकार पेट्रोल की इस बेसिक कीमत पर 32.90 रुपये की एक्साइज ड्यूटी वसूलती है। इस पर औसत डीजल कमीशन 3.85 रुपये वसूला जाता है। अब बारी आती है दिल्ली सरकार की। राज्य सरकार पेट्रोल और डीलर कमीशन पर कुल 23.43 रुपये का वैट वसूलती है। ये सब कीमतें जोड़कर 41 रुपये का पेट्रोल आपकी टंकी में आते आते 101.54 रुपये का हो जाता हैै।
गंगानगर में पेट्रोल 112 के पार
देश में सबसे महंगा पेट्रोल राजस्थान के श्रीगंगानगर में मिल रहा है, यहां 1 लीटर पेट्रोल के लिए आपको 112.90 रुपये चुकाने होंगे, जबकि डीजल के लि आपको करीब 103.15 रुपये देने होंगे। कीमतों में वृद्धि की बात करें तो राजधानी दिल्ली में मई से लेकर अब तक 41 बार तेल की कीमतों में इजाफा हो चुका है। इन 41 दिनों में पेट्रोल 10.79 रुपये और डीजल 8.99 रुपये महंगा हो चुका है। वहीं, जुलाई महीने की बात करें तो इस महीने में अब तक कुल 9 बार पेट्रोल के भाव बढ़े हैं। मई में 16 बार और जून में 16 बार पेट्रोल के भाव बढ़े थे।
एक साल में 21 रुपये बढ़ी कीमतें
पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि हैरान करने वाली है। पेट्रोल के दाम एक साल में 21.11 रुपये तक बढ़ चुके हैं। 12 जुलाई, 2020 को दिल्ली में पेट्रोल का रेट 80.43 रुपये था। वहीं बीते चार मई से इसकी कीमतें खूब बढ़ी। इस दौरान पेट्रोल 11.22 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। 1 जून को दिल्ली में पेट्रोल का रेट 94.49 रुपये प्रति लीटर था, 30 जून को रेट 98.81 रुपये रहा. जबकि डीजल 3.80 रुपये महंगा हो चुका है। 1 जून को दिल्ली में डीजल का रेट 85.38 रुपये था, 30 जून को रेट 89.18 रुपये था। इससे पहले मई की बात करें तो मई के पूरे महीने में दिल्ली में पेट्रोल के रेट 4.09 रुपये महंगा हुआ है। जबकि डीजल इस महीने 4.68 रुपये महंगा हुआ है।
CNG वाहन चालकों को भी लगा तगड़ा झटका
छह माह में दूसरी बार महानगर गैस लिमिटेड ने मुंबई और आसपास के क्षेत्रों के लिए कम्प्रेस्ड नैचुरल गैस (CNG) और घरेलू पाइप्ड नैचुरल गैस (PNG) के दाम में वृद्धि करने की घोषणा की है। सीएनजी और पीएनजी की नई कीमतें 13-14 जुलाई की मध्यरात्रि से प्रभाव में आ गई हैं। मुंबई और आसपास के इलाकों में 800,000 वाहन सीएनजी का उपयोग करते हैं। महानगर गैस लिमिटेड ने सीएनजी के दाम में 2.58 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की है। इस नई मूल्यवृद्धि के बाद सीएनजी की नई कीमत बढ़कर 51.98 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। इसके साथ ही अब इस बात का डर भी सताने लगा है कि सार्वजनिक परिवहन वाहनों के किराये में भी अब वृद्धि होगी।