11वें दिन लगातार महंगा हुआ ईंधन, पेट्रोल के दाम 55 पैसे और डीजल के 60 पैसे प्रति लीटर बढ़े
यह लगातार 11वां दिन है, जब ईंधन के दाम बढ़े हैं। पिछले दस दिनों में पेट्रोल के दामों में 6.02 रुपए प्रति लीटर और डीजल की दर में 6.40 रुपए लीटर की कुल वृद्धि हुई है।
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने बुधवार को पेट्रोल के दाम में 55 पैसे प्रति लीटर, जबकि डीजल के भाव में 60 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। यह लगातार 11वां दिन है, जब तेल कंपनियों ने लागत के हिसाब से ईंधन के मूल्य में संशोधन किया है। इससे पहले कंपनियों ने मंगलवार को पेट्रोल के दाम 47 पैसे लीटर और डीजल के मूल्य में 57 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। तेल कंपनियों ने सोमवार को भी पेट्रोल में 48 पैसे लीटर और डीजल के मूल्य में 59 पैसे लीटर की वृद्धि की थी।
तेल कंपनियों की अधिसूचना के मुताबिक बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल का मूल्य 76.73 रुपए से बढ़कर अब 77.28 रुपए प्रति लीटर हो गया है। वहीं डीजल के दाम 75.19 रुपए से बढ़कर अब 75.79 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। कीमत में यह बढ़ोतरी देशभर में की गई हैं लेकिन प्रत्येक राज्य में वैट (मूल्य वर्धित कर) अथवा स्थानीय बिक्री कर के आधार पर इनके दामों में अंतर हो सकते हैं। तेल कंपनियां जून 2017 के बाद से दैनिक आधार पर कीमतों की समीक्षा कर रही हैं।
कंपनियों ने कीमतों की समीक्षा 82 दिनों तक स्थगित रखने के बाद सात जून से दाम में लागत के हिसाब से फेर-बदल शुरू किया था। उसके बाद से यह लगातार 11वां दिन है, जब ईंधन के दाम बढ़े हैं। पिछले दस दिनों में पेट्रोल के दामों में 6.02 रुपए प्रति लीटर और डीजल की दर में 6.40 रुपए लीटर की कुल वृद्धि हुई है।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोरोना वायरस महामारी के कारण कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उठाने और अतिरिक्त संसाधन जुटाने के इरादे से सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। उसके बाद तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने कीमतों की दैनिक समीक्षा रोक दी थी। उसके बाद सरकार ने फिर पांच मई को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए। इस दो बार की वृद्धि से सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त कर राजस्व प्राप्त हुआ।
तेल कंपनियों ने हालांकि, उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी का भार ग्राहकों पर नहीं डाला, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ उसे समायोजित कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण तेल कीमतों की दैनिक समीक्षा को रोक दिया गया था। अब जबकि बाजार में कुछ हद तक स्थिरता दिखने लगी है दैनिक मूल्य समीक्षा शुरू कर दी गई है।