लगातार तीसरे दिन महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल, दिल्ली में 3 दिन में 1.74 रुपए/लीटर बढ़े पेट्रोल के दाम
तेल विपणन कंपनियों ने 80 दिनों के विराम के बाद रविवार से पेट्रोल और डीजल के दाम में रोजाना बदलाव की शुरूआत की है।
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल के दाम में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन बढ़ोतरी हुई। इससे पहले राजधानी दिल्ली में पिछले दो दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में 1.20 रुपए प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है। मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 54 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 58 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी तेल विपणन कंपनियों द्वारा की गई है।
पिछले तीन दिनों में दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 1.74 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 1.78 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई जोरदार तेजी के कारण तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए हैं। दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल की नई कीमत 73.00 रुपए प्रति लीटर और डीजल की नई कीमत 71.17 रुपए प्रति लीटर हो गई है।
तेल विपणन कंपनियों ने 80 दिनों के विराम के बाद रविवार से पेट्रोल और डीजल के दाम में रोजाना बदलाव की शुरूआत की है। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत सोमवार को बढ़कर क्रमश: 72.46 रुपए, 74.35 रुपए, 79.49 रुपए और 76.60 रुपए प्रति लीटर हो गई थी। वहीं, डीजल का दाम चारों महानगरों में बढ़कर क्रमश: 70.59 रुपए, 66.61 रुपए, 69.37 रुपए ओैर 69.25 रुपए प्रति लीटर हो गया था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के लाभ को समाहित करने के लिए सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने कीमतों की दैनिक समीक्षा रोक दी थी।
इसके बाद सरकार ने छह मई को एक बार फिर पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया। इस वृद्धि के बाद पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुलक बढ़कर 32.98 रुपए लीटर और डीजल पर 31.83 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया। तेल कंपनियों ने हालांकि, उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी का भार ग्राहकों पर नहीं डाला, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ उसे समायोजित कर दिया गया।
कोरोना वायरस महामारी के कारण कच्चे तेल की कीमत अप्रैल में एक दशक के सबसे निचले स्तर पर जा पहुंची थी। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत तेल आयात करता है। अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण तेल कीमतों की दैनिक समीक्षा को रोक दिया गया था। अब जबकि बाजार में कुछ हद तक स्थिरता दिखने लगी है दैनिक मूल्य समीक्षा शुरू कर दी गई है।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा कि कच्चे तेल के दाम में आगामी कारोबारी सप्ताह और तेजी आ सकती है, क्योंकि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने से तेल की मांग में इजाफा होने की संभावना है, जिससे कीमतों को सपोर्ट मिलेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका में बीते सप्ताह बेरोजगारी में कमी आने के आंकड़े जारी होने से भी कच्चे तेल के दाम को सपोर्ट मिलेगा और अमेरिकी क्रूड डब्ल्यूटीआई का भाव 42 से 44 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है।