एक महीने में 7 रुपए गिरकर 10 महीने पुरानी कीमतों पर पहुंचा पेट्रोल, क्या और गिरेंगे दाम?
सितंबर में पेट्रोल डीजल की कीमतों में आई तेजी ने सरकार सहित सभी के माथे पर बल ला दिए थे। लेकिन दो महीने में आई क्रूड ऑयल की कीमतों में 30 फीसदी की कटौती ने एक बार फिर सभी को मुस्कुराने का मौका दिया है।
सितंबर में पेट्रोल डीजल की कीमतों में आई तेजी ने सरकार सहित सभी के माथे पर बल ला दिए थे। लेकिन दो महीने में आई क्रूड ऑयल की कीमतों में 30 फीसदी की कटौती ने एक बार फिर सभी को मुस्कुराने का मौका दिया है। हालांकि भारत में क्रूड ऑयल के मुकाबले तो कीमतें नहीं गिरी हैं लेकिन फिर भी 1 महीने में पेट्रोल के दाम करीब 7 रुपए घट चुके हैं। रविवार को भी पेट्रोल 30 पैसे सस्ता हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 72.23 रुपए प्रति लीटर पहुंच गई हैं। वहीं डीजल की बात करें तो रविवार को डीजल की प्रति लीटर कीमत 67.02 रुपए थीं।
10 महीने पुराने स्तर पर पहुंचे दाम
कीमतों पर गौर करें तो दाम लुढ़क कर मार्च की कीमतों के बाराबर आ चुके हैं। पिछली बार 21 मार्च को कीमतें 72.20 रुपए दर्ज की गई थीं। तब से कीमतों में लगातार तेजी आ रही है। वहीं 17 अक्टूबर, जब से कीमतों में गिरावट का दौर शुरू हुआ है, तब से लेकर अबतक यहां पेट्रोल 10.60 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो चुका है। 17 अक्टूबर को यहां पेट्रोल का भाव 82.83 रुपए प्रति लीटर था। इसी प्रकार चेन्नई में पेट्रोल 10.30 रुपए और कोलकाता में पेट्रोल पिछले 45 दिनों में 10.40 रुपए लीटर सस्ता हुआ है। वहीं मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत में 17 अक्टूबर के बाद से अब तक 10.29 रुपए लीटर की कमी आ चुकी है।
क्रूड की कीमतों में 30 प्रतिशत की कमी
पिछले दो महीनों में प्रोडक्शन बढ़ने के चलते क्रूड 30 प्रतिशत सस्ता हो चुका है। शुक्रवार को ही क्रूड ऑयल ने 18 महीनों में पहली बार 50 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गोता लगाया है। इसका कारण तेल उत्पादन में वृद्धि है। अमेरिका और रूस में तेल उत्पादन अपने उच्चतम स्तर पर है। रूस इस समय 11.45 बिलियन बैरल प्रति दिन क्रूड ऑयल का उत्पादन कर रहा है वहीं अमेरिका भी 11.7 बिलियन बैरल प्रति दिन उत्पादन कर रहा है। वहीं ओपेक देशों में भी तेल के उत्पादन में वृद्धि के साथ ही अमेरिका जैसे देशों में इसके रिजर्व में बढ़ोत्तरी हुई है।
महंगाई पर रूस का अड़ंगा
तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक तेल की तेजी से गिरती कीमतों के बाद हरकत में आ गया है। साउदी अरब आदि देश तेल का उत्पादन घटाने पर जोर दे रहे हैं। लेकिन रूस इस बारे में राजी नहीं है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने जी 20 बैठक के दौरान ही कहा कि क्रूड ऑयल की कीमतें 60 डॉलर होने तक उसे कोई परेशानी नहीं है। ऐसे में रूस फिलहाल इसमें कटौती के लिए तैयार नहीं है।