नई दिल्ली। महंगे पेट्रोल और डीजल को लेकर आपकी परेशानी आने वाले दिनों में और बढ़ने वाली है। भारतीय बास्केट के लिए कच्चा तेल 26 महीने के ऊपरी स्तर तक पहुंच गया है जिसके बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और बढ़ोतरी कर सकती हैं। पहले ही पेट्रोल का दाम 80 रुपए प्रति लीटर के करीब पहुंच गया है और डीजल 62 रुपए प्रति लीटर के ऊपर बिक रहा है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक बुधवार को भारतीय बास्केट के लिए कच्चा तेल 57.18 डॉलर प्रति बैरल दर्ज किया गया जो जुलाई 2015 के बाद सबसे अधिक भाव है। जुलाई 2015 के दौरान भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल का दाम 60 डॉलर के ऊपर चला गया था।
सितंबर के दौरान अबतक भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल का दाम करीब 7 डॉलर बढ़ गया है। अगस्त अंत में यह 50.32 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर था। केंद्र सरकार ने जून मध्य से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को रोजाना आधार पर तय करना शुरू किया है। 15 जून से पेट्रोल और डीजल के दाम रोजाना आधार पर तय हो रहे हैं। जब से कीमतें रोजाना तय रो रही हैं तब से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई है और इस वजह से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ है। 15 जून को भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल का दाम 45.60 डॉलर था और वहां से अबतक इसका भाव करीब 12 डॉलर बढ़ चुका है।
कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ भारतीय करेंसी रुपए में भी एकतरफा गिरावट बनी हुई है, बुधवार को डॉलर का भाव बढ़कर 65.72 रुपए तक पहुंच गया जो 6 महीने में सबसे अधिक भाव है। कच्चा तेल खरीदने के लिए भारतीय ऑयल कंपनियों को डॉलर में भुगतान करना होता है और डॉलर में भुगतान के लिए कंपनियों को रुपया बेचकर डॉलर खरीदना पड़ता है। ऐसे में रुपये में गिरावट से डॉलर खरीदने के लिए ज्यादा रुपये चुकाने पड़ेंगे जिससे तेल खरीदने के लिए ऑयल कंपनियों की लागत बढ़ गई है और वह इसकी भरपायी के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ा सकती हैं।
पेट्रोल की कीमतों की बात करें तो बुधवार को देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम 58.68 रुपए, कोलकाता में 61.34 रुपए, मुंबई में 62.33 रुपए और चेन्नई में 61.81 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया है।
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