नई दिल्ली। महंगे पेट्रोल-डीजल की आग में जल रही जनता को थोड़ी राहत मिल सकती है। तेल मंत्रालय पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में और कटौती करने पर विचार कर रहा है। एक फरवरी को पेश होने वाले बजट के दौरान या फिर इसके बाद एक्साइज ड्यूटी में कटौती की घोषणा हो सकती है। रॉयटर्स ने यह खबर दो सूत्रों के हवाले से दी है।
केंद्रीय बजट 2018 मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है और 2019 में आम चुनावों के साथ ही आठ राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि सरकार हर वर्ग को खुश करने की कोशिश जरूर करेगी। यदि बजट 2018 में एक्साइज ड्यूटी घटाने की घोषणा होती है तो आम जनता को तत्काल राहत मिलेगी। तेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम केवल इसके लिए सुझाव दे सकते हैं, यह वित्त मंत्री पर निर्भर होगा कि वह क्या निर्णय लेते हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि की वजह से सस्ते तेल का दौर अब खत्म हो चुका है। अप्रैल 2014 से लेकर अब तक सरकार पेट्रोल पर 12 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13.77 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा चुकी है। नोमूरा के मुताबिक प्रति बैरल मूल्य में 10 डॉलर की वृद्धि होने पर भारत का राजकोषीय घाटा 0.1 प्रतिशत बढ़ता है और वर्तमान में चालू खाता घाटा जीडीपी का 0.4 प्रतिशत है।
भारत जैसे शुद्ध आयातक देश पर क्रूड ऑयल की कीमतों में लगातार वृद्धि का आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ता है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि 410 अरब डॉलर का रिकॉर्ड विदेशी मुद्रा भंडार भारत को क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों से कम से कम 9 महीने तक लड़ने में मददगार होगा।
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