Petrol-Diesel Price: इसलिए बढ़ सकते हैं पेट्रोल, डीजल के दाम, कच्चे तेल में तेजी
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम बढ़ने से पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी तय है क्योंकि भारत अपनी तेल खपत के लिए मुख्य रूप से आयात पर निर्भर करता है।
नई दिल्ली। कच्चा तेल उत्पादक व निर्यातक देशों का संगठन ओपेक द्वारा फिर पांच लाख बैरल रोजाना तेल के उत्पादन में कटौती करने के फैसले से पिछले दिनों में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के दाम में करीब चार डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि दर्ज की गई और आगे कीमतों में और तेजी रहने की संभावना जताई जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम बढ़ने से पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी तय है क्योंकि भारत अपनी तेल खपत के लिए मुख्य रूप से आयात पर निर्भर करता है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते सप्ताह ब्रेंट क्रूड का भाव 64.88 डॉलर प्रति बैरल तक उछला, जोकि 23 सितंबर के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता का कहना है कि ओपेक ने अगले साल जनवरी से पांच लाख बैरल रोजाना और तेल के उत्पादन में कटौती का फैसला लिया है, जबकि संगठन 12 लाख बैरल रोजाना की कटौती पहले से ही कर रहा है, ऐसे में आने वाले दिनों में तेल के दाम में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
गुप्ता ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर होने वाला करार अगर सकारात्मक रहा तो आने वाले दिनों में तेल की खपत मांग बढ़ेगी जिससे ब्रेंट क्रूड का भाव 70 डॉलर प्रति बैरल को पार कर सकता है जबकि अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास का भाव जोकि इस समय 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है वह 60-65 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है।
हालांकि ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा को ओपेके फैसले के लागू होने में संदेह है। उन्होंने कहा कि ओपेक में शामिल छोटे तेल उत्पादक देश इस फैसले को नहीं मानते हैं, इसलिए इसके पूरी तरह से लागू होने में संदेह है। उन्होंने कहा, "एक तो ओपेक के फैसले के लागू होने में संदेह है, वहीं दुनिया में मंदी का माहौल है जिसके कारण तेल की खपत मांग में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। ऐसे में तेल के दाम में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं की जा सकती है।"
उन्होंने कहा कि ब्रेंट क्रूड का भाव इस महीने 60-65 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में ही रह सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ठंड ज्यादा बढ़ने से अगर तेल की खपत बढ़ती है तो कीमतों में तेजी आ सकती है। बीते करीब डेढ़ महीने से ब्रेंट क्रूड का भाव 60-65 डॉलर के ही दायरे में रहा है।
बीते कारोबारी सप्ताह के आखिर सत्र के दौरान शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर बेंट्र का फरवरी डिलीवरी अनुबंध 1.55 फीसदी की तेजी के साथ 64.37 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ जबकि कारोबार के दौरान दाम 64.88 डॉलर प्रति बैरल तक उछला। दो अक्टूबर को बेंट क्रूड का भाव 60.82 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था।
वहीं, न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर डब्ल्यूटीआई का जनवरी अनुबंध 1.20 फीसदी की तेजी के साथ 59.13 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। भारत में बीते दो दिनों से पेट्रोल का दाम स्थिर है जबकि डीजल के दाम में सात दिनों की स्थिरता के बाद शनिवार को मामूली छह पैसे की वृद्धि दर्ज की गई। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में रविवार को पेट्रोल का दाम क्रमश: 74.86 रुपए, 77.54 रुपए, 80.51 रुपए और 77.83 रुपए प्रति लीटर था। वहीं, डीजल का दाम चारों महानगरों में स्थिरता के साथ क्रमश: 65.84 रुपए, 68.25 रुपए, 69.06 रुपए और 69.59 रुपए प्रति लीटर था।