पणजी। केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने से आम लोगों को राहत मिली है। लेकिन सरकार की यह राहत पेट्रोल पंप कारोबारियों के लिए आफत लेकर आई। गोवा की बात करें तो केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दीवाली की पूर्व संध्या पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क और मूल्यवर्धित कर (वैट) में अचानक कटौती से राज्य में दोनों ईंधनों के वितरकों को करीब छह करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
ऑल गोवा पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष परेश जोशी ने कहा कि राज्य के सभी 130 वितरकों को करीब छह करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम कंपनियों ने वितरकों से दिवाली की पूर्व संध्या पर अपने टैंकों को भरा रखने के लिए कहा था क्योंकि अगले दो दिनों तक फिलिंग टर्मिनल बंद रहते।
जोशी ने कहा, “जब वितरकों ने अपना भंडार अधिकतम सीमा कर लिया, तब केंद्र द्वारा और बाद में राज्य सरकार द्वारा कीमतों में कमी की अचानक घोषणा की गयी। इससे उन वितरकों को भारी नुकसान हुआ, जिन्होंने पुरानी दरों पर ईंधन खरीदा था।" तीन नवंबर को केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती और फिर गोवा सरकार द्वारा वैट में कटौती के बाद पेट्रोल की कीमत में कुल 12 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 17 रुपये प्रति लीटर की कमी आयी।
जोशी ने कहा कि ज्यादातर वितरकों को उनके भंडारण क्षमता के हिसाब से 10 से 12 लाख रुपये का नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई करने में उन्हें एक या डेढ़ महीना लगेगा।
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