पेट्रोल डीजल कीमत को लेकर बड़ी खबर, हो गया यह बड़ा काम
पेट्रोल डीजल की कीमत को लेकर बड़ी खबर है। पेट्रोल डीजल के बढ़ रहे दाम ने आम आदमी का बुरा हाल कर रखा है। कुछ लोग तो अपनी व्हीकल होने के बादजूद भी उसे चलाने से पहले चार बारी सोच रहे है क्योंकि पेट्रोल की कीमत अपनी उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है।
नई दिल्ली: पेट्रोल डीजल की कीमत को लेकर बड़ी खबर है। पेट्रोल डीजल के बढ़ रहे दाम ने आम आदमी का बुरा हाल कर रखा है। कुछ लोग तो अपनी व्हीकल होने के बादजूद भी उसे चलाने से पहले चार बारी सोच रहे है क्योंकि पेट्रोल की कीमत अपनी उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से भले ही ईंधन उपभोक्ताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हो, लेकिन तेल कंपनियां मौजूदा स्थिति का सबसे ज्यादा फायदा उठा रही हैं, वे पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर अपने मार्जिन को मजबूत कर रही हैं और मुनाफा बढ़ा रही हैं। देश में ईंधन की कीमतों के मौजूदा ऐतिहासिक उच्च स्तर पर, तेल विपणन कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री पर लिया गया मार्जिन 3 रुपये प्रतिलीटर के उच्च स्तर को छू गया है।
इसका मतलब यह है कि जहां ईंधन की बढ़ती कीमतें उपभोक्ता की जेब में एक बड़ा छेद करती हैं, वहीं कंपनियां अपनी कमाई बढ़ा रही हैं और कोविड-19 महामारी के कारण बने मौजूदा मुश्किल माहौल में अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। आईसीआईसीआई डायरेक्ट की एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ते मार्केटिंग मार्जिन और बेहतर ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन के दम पर सभी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को वित्तवर्ष 22 की अप्रैल-जून तिमाही में अपनी कमाई मजबूत कर लेने की उम्मीद है।
ब्रोकरेज रिपोर्ट के अनुसार, निजीकरण बाध्य बीपीसीएल को 2,307.7 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ की उम्मीद है, जो तिमाही-दर-तिमाही में 80.7 प्रतिशत कम है, क्योंकि कंपनी ने इस सालकी पहली तिमाही में 6,993 करोड़ रुपये के असाधारण लाभ की सूचना दी थी। इसी तरह, एचपीसीएल को उम्मीद है कि वह पहली तिमाही में 1,520.7 करोड़ रुपये के मजबूत लाभ की रिपोर्ट करेगी। हालांकि यह 49.6 प्रतिशत क्यूओक्यू नीचे है, यह अभी भी बहुत अच्छा है, यह देखते हुए कि पहली तिमाही में कोविड वायरस का सबसे विनाशकारी चरण भी देखा गया, जिसने आर्थिक गतिविधियों को बाधित किया और नतीजतन, ईंधन विपणन की मात्रा में गिरावट आई।
आईओसी के संबंध में अनुमान है कि इसका लाभ पीएटी 37.6 प्रतिशत क्यूओक्यू से नीचे 5,480.3 करोड़ रुपये है, लेकिन कंपनी तिमाही के दौरान मार्केटिंग मार्जिन में वृद्धि के कारण लाभ में सुधार करेगी। 1 अप्रैल को वित्तीय वर्ष की शुरुआत के बाद से पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य में नियमित संशोधन के बाद सभी ओएमसी के लिए लाभ आ रहा है। तब से, पेट्रोल की पंप कीमत में 11 रुपये प्रतिलीटर तक की वृद्धि हुई है, जबकि डीजल की कीमत 1 अप्रैल से बढ़ रही है और 9 रुपये प्रतिलीटर तक की वृद्धि हुई है। विश्लेषकों के अनुसार, इससे ईंधन उपभोक्ताओं को नुकसान हो सकता है, लेकिन इसने ओएमसी के लिए विपणन मार्जिन को लगभग 3 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दिया है। इसका मतलब है कि कंपनियों को उम्मीद से ज्यादा बढ़त का फायदा मिल रहा है।
पेट्रोल 1 अप्रैल से 14 जुलाई के बीच हुआ 10 रुपये लीटर महंगा, पिछले साल 20 रुपये से ज्यादा बढ़े दाम
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल द्वारा उपलब्ध कराए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 के दौरान पेट्रोल की खुदरा कीमत में 20.97 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। 1 अप्रैल, 2020 को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 69.59 रुपये प्रति लीटर थी, जो 31 मार्च 2021 को बढ़कर 90.65 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई। इस तरह वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पेट्रोल की कीमत में 30.13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमत में वृद्धि
ईंधन | 1 अप्रैल 2020 | 31 मार्च 2021 | वृद्धि (रुपये) | वृद्धि (प्रतिशत) |
पेट्रोल | 69.59 रुपये/लीटर | 90.65 रुपये/लीटर | 20.97 | 30.13 |
डीजल | 62.29 रुपये/लीटर | 80.87 रुपये/लीटर | 18.58 | 29.83 |
कीमत में बढ़ोतरी का यह सिलसिला यहीं नहीं रुकता है। यह वित्त वर्ष 2021-22 में भी निरंतर चालू है। चालू वित्त वर्ष के पहले साढ़े तीन महीनों के दौरान दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 10.63 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है। एक अप्रैल, 2021 को यहां पेट्रोल की कीमत 90.65 रुपये प्रति लीटर थी, जो 14 जुलाई, 2021 को बढ़कर 101.19 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई। इस दौरान पेट्रोल के दाम में 11.73 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
डीजल की बात करें तो, वित्त वर्ष 2020-21 में डीजल की खुदरा कीमत में 18.58 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। एक अप्रैल, 2020 को दिल्ली में डीजल का भाव 62.29 रुपये प्रति लीटर था, जो 31 मार्च, 2021 को बढ़कर 80.87 रुपये प्रति लीटर हो गया। डीजल की कीमत में 29.83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
चालू वित्त वर्ष में, दिल्ल में डीजल की कीमतों में अबतक 8.85 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। एक अप्रैल, 2021 को डीजल का दाम 80.87 रुपये था, जो अब बढ़कर 89.72 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है।
वित्त वर्ष 2021-22 में पेट्रोल-डीजल में वृद्धि
ईंधन | 1 अप्रैल 2021 | 14 जुलाई 2021 | वृद्धि (रुपये) |
पेट्रोल | 90.65 रुपये/लीटर | 101.19 रुपये/लीटर | 10.63 |
डीजल | 80.87 रुपये/लीटर | 89.72 रुपये/लीटर | 8.85 |
राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ईंधन की कीमतों में वृद्धि सबसे ज्यादा हुई है। यहां पेट्रोल-डीजल पर स्थानीय कर देश में सबसे ज्यादा है। वित्त वर्ष 2020-21 में ईंधन की कीमतों में इतनी अधिक वृद्धि का कारण केवल केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर लगाया गया उच्च कर है। सरकार ने कोविड राहत उपायों के लिए अतिरिक्त धन जुटाने के लिए पिछले साल मई में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है।