नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल खरीदने के लिए आने वाले दिनों में आपकी जेब और खाली करनी पड़ सकती है। भारतीय करेंसी रुपए में गिरावट बनी हुई है और इस वजह से विदेशों से कच्चा तेल आयात करने के लिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे, और इसका बोझ वह उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं। इसके अलावा विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी देखी जा रही है जिस वजह से भी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत बढ़ेगी।
मंगलवार को अमेरिकी करेंसी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपया करीब 6 महीने के निचले स्तर तक लुढ़क गया। डॉलर का भाव बढ़कर 65.22 रुपए तक पहंच गया जो मार्च 2017 के बाद सबसे अधिक भाव है। आज रुपये में करीब 23 पैसे की गिरावट दर्ज की गई है।
दूसरी ओर विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव बढ़कर 52.43 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है जो करीब 4 महीने में सबसे अधिक भाव है। विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई बढ़ोतरी की वजह से भारतीय ऑयल कंपनियों को भी कच्चा तेल खरीदने के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे और इसका बोझ भी ग्राहकों पर ट्रांस्फर हो सकता है।
दरअसल भारतीय तेल कंपनियों को विदेशों से कच्चा तेल खरीदने के लिए डॉलर में भुगतान करना पड़ता है। भारतीय रुपया कमजोर होने की वजह से तेल का भुगतान करने के लिए बाजार से जो डॉलर खरीदना पड़ेगा उसके लिए पहले के मुकाबले अब ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे, ऊपर से विदेशी बाजार में तेल का दाम पहले ही बढ़ने लग गया है। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने की आशंका भी बढ़ गई है।
एनर्जी मार्केट के एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने एक निजी समाचार चैनल पर बताया कि घरेलू और वैश्विक स्तर पर तेल की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है जिस वजह से आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो सकता है। नरेंद्र तनेजा ने संकेत दिए कि आने वाले दिनों में भारतीय ग्राहकों को पेट्रोल डीजल खरीदने के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं।
पेट्रोल और डीजल का भाव अब भी ऊपरी स्तर पर बना हुआ है और ऐसे में इसके और महंगा होने से उपभोक्ताओं पर मार पड़ेगी। मंगलवार को देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम 70.41 रुपए, कोलकाता में 73.15 रुपए, मुंबई में 79.52 रुपए और चेन्नई में 72.99 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया है।
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